फतेहपुर सीकरी: मुर्गी दाने के ई वे बिल पर जा रही थी पशुओं की खाल, हिंदूवादी युवकों ने पकड़ी गाड़ी

Shamim Siddique
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फतेहपुर सीकरी: मुर्गी दाने के ई वे बिल पर जा रही थी पशुओं की खाल, हिंदूवादी युवकों ने पकड़ी गाड़ी

फतेहपुर सीकरी। बृहस्पतिवार देर शाम को आगरा-जयपुर हाईवे पर एक अजीब मामला सामने आया, जब हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने गौ मांस की आशंका पर एक मैक्स गाड़ी को पकड़ा। गाड़ी में छानबीन के दौरान वहां पर पशुओं की खाल बरामद हुई, जबकि गाड़ी के ड्राइवर के पास जो ई वे बिल था, उसमें मुर्गी दाने का उल्लेख था। इस मामले को लेकर थाना पुलिस ने जीएसटी विभाग को रिपोर्ट भेजी है और विभागीय जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

गाड़ी में पाई गई पशुओं की खाल, मुर्गी दाना का ई वे बिल था

बृहस्पतिवार की शाम को आगरा-जयपुर हाईवे पर एक मैक्स गाड़ी पर संदिग्ध रूप से तिरपाल से ढका हुआ सामान देखा गया, जिससे दुर्गंध आ रही थी। यह गाड़ी हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पकड़ी और संदेह जताया कि इसमें गौ मांस हो सकता है। गाड़ी के ड्राइवर ने उन्हें बताया कि वह अजमेर से कानपुर मुर्गी दाना लेकर जा रहा है और उसके पास इसका ई वे बिल भी है।

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लेकिन जब गाड़ी को पुलिस थाना लाया गया और उसमें रखा सामान खोला गया, तो उसमें पशुओं की खाल पाई गई। गाड़ी में मौजूद खाल भैंसों की बताई गई। इस मामले में पुलिस ने पशु चिकित्सक को भी बुलाया, जिन्होंने जांच के बाद पुष्टि की कि गाड़ी में भैंसों की खाल लदी हुई थी।

ई वे बिल में मुर्गी दाना और पशु खाल का परिवहन

पुलिस और जीएसटी विभाग की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि मुर्गी दाने के ई वे बिल का इस्तेमाल करके पशुओं की खाल का परिवहन किया जा रहा था। यह एक तरह से जीएसटी चोरी का मामला प्रतीत हो रहा है, जहां वास्तविक सामान का उल्लेख कुछ और किया गया था।

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जीएसटी कानून के तहत ई वे बिल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सामान का परिवहन सही तरीके से और उचित कर भुगतान के बाद हो रहा है। लेकिन इस मामले में ई वे बिल में मुर्गी दाना का उल्लेख था, जबकि गाड़ी में भैंसों की खाल परिवहन हो रही थी, जिससे कानून का उल्लंघन हुआ है।

थाना पुलिस की रिपोर्ट और विभागीय कार्रवाई

गाड़ी को जब्त करने के बाद थाना पुलिस ने जीएसटी विभाग को रिपोर्ट भेज दी है। अब इस मामले की विस्तृत जांच की जाएगी, जिसमें यह साफ होगा कि इस गाड़ी के मालिक और ड्राइवर ने किस उद्देश्य से ऐसा किया और क्या इससे जीएसटी विभाग को कोई नुकसान हुआ है। साथ ही, यह भी देखा जाएगा कि क्या इस प्रकार के मामलों में कोई अन्य अपराधी तत्व शामिल हैं।

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कानूनी पहलू और जीएसटी विभाग की जांच

जीएसटी विभाग के अधिकारी इस मामले में कार्रवाई करेंगे। यदि जांच में पाया जाता है कि कर चोरी की कोशिश की गई है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसके साथ ही, इस तरह के मामले में पशु क्रूरता और कानूनी उल्लंघन के भी आरोप लगाए जा सकते हैं।

संक्षेप में, यह मामला जीएसटी कानून और पशु क्रूरता के उल्लंघन का प्रतीक है, जिसमें ई वे बिल का दुरुपयोग किया गया और उस पर भ्रामक जानकारी दी गई थी। इस मामले की जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी।

 

 

 

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