फतेहपुर सीकरी: भूटान की महारानी आशी टेशरिंग यांगडेन वांगचुक और उनके परिवार ने आज अपराह्न सीकरी के ऐतिहासिक मुग़लिया स्मारकों का दौरा किया। इस दौरान, उन्होंने अपने परिजनों के साथ फतेहपुर सीकरी के प्रमुख स्मारकों का अवलोकन किया। साथ ही, उन्होंने इन वास्तुकला के अद्वितीय नमूनों को तल्लीनता से देखा और मुग़ल काल की समृद्ध धरोहर की सराहना की।
महारानी आशी टेशरिंग यांगडेन वांगचुक अपने परिवार के साथ जयपुर से सड़क मार्ग द्वारा सीकरी पहुँचीं। वे अपनी पुत्री आशी डेकन यानजुम वांगचुक और नौ अन्य सदस्यों के साथ अपराह्न 3:00 बजे सीकरी पहुंचे। इसके बाद, उन्होंने दीवाने आम प्रवेश द्वार से मुग़ल स्मारकों का दौरा शुरू किया। इस दौरान, स्मारकों के महत्व और उनकी वास्तुकला को समझाने के लिए गाइड मनजीत सिंह ने उन्हें दीवाने आम, दीवाने खास, अनूप तालाब, चौपड़, पंचमहल, तुर्की सुल्ताना, ख्वाब गाह और जोधा बाई महल जैसे प्रमुख स्थानों का विस्तृत परिचय दिया।
मुगलिया तामीर और वास्तुकला की सराहना
महारानी और उनके परिवार के सदस्य मुग़ल वास्तुकला के बेजोड़ नमूनों को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए। उन्होंने दीवाने आम और दीवाने खास के भव्य भवनों का अवलोकन किया और इनकी स्थापत्य कला की प्रशंसा की। इसके बाद, वे अनूप तालाब और चौपड़ जैसे प्रमुख स्मारकों के पास पहुंचे, जहाँ उन्होंने इन स्थलों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को समझा। इसके अलावा, उन्होंने पंचमहल और ख्वाब गाह के भव्य खंडहरों का भी अवलोकन किया, जो मुग़ल साम्राज्य के समृद्ध इतिहास के प्रतीक हैं।
महारानी और उनके परिवार के सदस्यों ने सीकरी में लगभग डेढ़ घंटे बिताए और तल्लीनता से इन ऐतिहासिक स्मारकों की बारीकियों को समझा। इस दौरान, सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों से भी परिचय लिया और फोटोग्राफी कराई।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
महारानी की सुरक्षा के लिए स्थानीय प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए थे। नायब तहसीलदार राजपाल सिंह, प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र दहिया, संरक्षण सहायक दिलीप सिंह, जितेंद्र सोलंकी, और गौरव राठी सहित पुलिस बल की तगड़ी टीम मौजूद रही। यह सुनिश्चित किया गया कि महारानी और उनके परिवार को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और उनकी यात्रा सकुशल संपन्न हो।
भविष्य के दौरे का कार्यक्रम
महारानी आशी टेशरिंग यांगडेन वांगचुक और उनका प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को ताजमहल का दौरा करेंगे। यह यात्रा भूटान की रॉयल फैमिली के भारत दौरे का एक अहम हिस्सा है, जिसमें वे भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को और अधिक नजदीक से जानने के लिए विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों का दौरा कर रहे हैं।