एटा: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से जुड़े पोस्टर विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। एटा के जैथरा थाने में इस मामले को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने अखिलेश यादव के पोस्टर फाड़ने वाले असामाजिक तत्वों की तलाश शुरू कर दी है। सपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि यह विवाद सुनियोजित साजिश का हिस्सा है।
FIR दर्ज, पुलिस ने शुरू की जांच
जैथरा पुलिस ने पोस्टर फाड़ने की घटना के बाद अज्ञात असामाजिक तत्वों के खिलाफ FIR दर्ज की है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के आधार पर संदिग्धों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार , पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है। पोस्टर फाड़ने वालों की पहचान के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
सपा की मांग: सख्त कार्रवाई
सपा कार्यकर्ताओं ने एटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्याम नारायण सिंह से मुलाकात कर इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की थी। सपा नेताओं का कहना है कि यह विवाद उनकी पार्टी को कमजोर करने और अखिलेश यादव की लोकप्रियता को नुकसान पहुंचाने की साजिश है। सपा के एक स्थानीय वरिष्ठ नेता राम बृजेश ने कहा, ये पोस्टर किसकी शह पर फाड़े गए हैं, इसकी भी जांच होनी चाहिए। हम चाहते हैं कि पुलिस इस साजिश का पर्दाफाश करे और दोषियों को सजा दे।
पुलिस की कार्रवाई पर टिकी निगाहें
जैथरा पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कर इस मामले में तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि पोस्टर फाड़ने वालों की तलाश कर रही है, यह भी जांच कर रही है कि ये पोस्टर फाड़ने की साजिश किसने रची थी। इस बीच, सपा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। सभी की निगाहें अब जैथरा पुलिस की कार्रवाई पर टिकी हैं, जो इस विवाद के असली चेहरों को उजागर करने की कोशिश में जुटी है।
