खुशखबरी! अब 110 वर्गगज तक के मकान बिना नक्शे के, योगी सरकार का बड़ा ऐलान

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खुशखबरी! अब 110 वर्गगज तक के मकान बिना नक्शे के, योगी सरकार का बड़ा ऐलान

आगरा: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश की आम जनता को बड़ी राहत प्रदान करते हुए भवन निर्माण से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब 1000 वर्गफीट, यानी लगभग 110 वर्गगज के प्लॉट पर अपना घर बनाने के इच्छुक लोगों को विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराने की अनिवार्यता से मुक्ति मिल गई है। इस निर्णय से न केवल आम आदमी के समय की बचत होगी, बल्कि भवन निर्माण की प्रक्रिया में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगने की उम्मीद है।

सरकार द्वारा यह महत्वपूर्ण बदलाव भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025 के अंतर्गत किया गया है, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस संबंध में विस्तृत शासनादेश (जीओ) भी जारी कर देगी, जिससे यह नया नियम प्रदेश भर में प्रभावी हो जाएगा।

भवन निर्माण नियमों में बड़े बदलाव, जनता को मिली राहतों की सौगात

सरकार ने भवन निर्माण के नियमों को सरल बनाते हुए कई अन्य महत्वपूर्ण बदलाव भी किए हैं, जिनका सीधा लाभ आम जनता को मिलेगा:

  • बड़े प्लॉटों पर भी छूट: 550 वर्गगज (5000 वर्गफीट) तक के प्लॉट पर निर्माण कार्य शुरू करने के लिए अब विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराने की आवश्यकता नहीं होगी। ऐसे प्लॉटों पर निर्माण केवल एक लाइसेंसशुदा आर्किटेक्ट के प्रमाण पत्र के आधार पर किया जा सकेगा।
  • अपार्टमेंट निर्माण की सीमा घटी: अब 1000 वर्गमीटर के क्षेत्रफल में भी अपार्टमेंट के निर्माण की अनुमति मिल सकेगी। पहले यह सीमा 2000 वर्गमीटर निर्धारित थी, जिससे छोटे निवेशकों और डेवलपर्स को फायदा होगा।
  • अस्पताल और व्यावसायिक भवनों के लिए कम जगह: हॉस्पिटल और अन्य कमर्शियल बिल्डिंगों के निर्माण के लिए अब केवल 3000 वर्गमीटर का प्लॉट ही पर्याप्त होगा, जिससे शहरी क्षेत्रों में इन सुविधाओं का विस्तार आसान हो सकेगा।
  • मकानों में व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति: अब रिहायशी मकानों के 25% हिस्से का उपयोग डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट, सीए, नर्सरी, क्रैच या होम स्टे जैसी पेशेवर गतिविधियों के लिए किया जा सकेगा। इसके लिए भवन के नक्शे में अलग से उल्लेख करने की भी आवश्यकता नहीं होगी, जिससे लोगों को अपने घरों से ही अपनी पेशेवर सेवाएं देने में आसानी होगी।
  • एनओसी की समय सीमा तय: नक्शा पास कराने की प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों को अब 7 से 15 दिनों के भीतर अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करना होगा। यदि विभाग निर्धारित समय सीमा के भीतर जवाब नहीं देते हैं, तो एनओसी स्वतः ही मान्य मानी जाएगी, जिससे नक्शा पास कराने में होने वाली देरी कम होगी।
  • रिहायशी इलाकों में खुल सकेंगी दुकानें और ऑफिस: 24 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़कों पर स्थित रिहायशी क्षेत्रों में अब दुकानें और दफ्तर भी खोले जा सकेंगे। वहीं, इससे कम चौड़ाई वाली सड़कों पर डॉक्टर और वकील जैसे पेशेवर अपने ऑफिस आसानी से चला सकेंगे, जिससे मिश्रित भूमि उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
  • ऊंची इमारतों को प्रोत्साहन: शहरों में बढ़ती आबादी और जगह की कमी को देखते हुए, अब 45 मीटर चौड़ी सड़कों पर इच्छानुसार ऊंचाई तक इमारतों का निर्माण किया जा सकेगा। इसके साथ ही फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) को भी तीन गुना तक बढ़ा दिया गया है, जिससे शहरों में ऊंचे भवनों के निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा और अधिक लोगों के लिए आवास उपलब्ध हो सकेगा।

योगी सरकार के इस फैसले को आम जनता के लिए एक बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। भवन निर्माण के नियमों के सरलीकरण से न केवल लोगों को अनावश्यक कागजी कार्रवाई और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी, बल्कि यह कदम भ्रष्टाचार को कम करने में भी सहायक सिद्ध होगा। अब देखना यह है कि सरकार इस नए नियम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए क्या कदम उठाती है।

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