विवेक अग्रवाल
आगरा। बस्तियों और मोहल्लो की महिलाओ का एक साथ बैठना और चेहरे को बड़े से घूँघट से ढककर आपस मे बात करना और अधिकतर के मुँह से निकल रही निकाय चुनावों की बात। जिनमे महिलाये एक दूसरे से पूछती नजर आ रही है कि ऐ जीजी जा बार कौ चुनाव जीतेगो। पिछली बार तो हम वाये वोट देकर आये लेकिन इस बार सोच रहे है जाये वोट दे। वही दूसरी महिला भी बोलती नजर आ रही है कि जा बार तो जाको लड़का खड़ो वही है या जे भाईसाहब खड़े वाहे है हमें तो समझ ही ना आ रहो दोनों ही हमारे इनके मिलवे वाले है तो वोट कीन्हे दे।
निकाय चुनावों को लेकर कुछ इसी प्रकार के चर्चाये सुनने को मिल रही है। बुजुर्ग हो या महिला हर किसी को चुनावों की बातो को करते हुए सुना जा रहा है। वही दूसरी ओर जैसे जैसे वोट डालने का समय नजदीक आता जा रहा है वैसे वैसे पार्टी प्रत्याशियों से लेकर निर्दलीय प्रत्याशी अपने अपने वार्डो मे चुनाव प्रचार तेज करते जा रहे है। डोल नागाड़ो और भीड़ के साथ लोगो के बीच मे पहुंच रहे है और अपने को वोट देने के लोगो से हाथ जोड़कर अपील कर रहे है।
पिछली बार से कम दिख रहा लोगो का चुनावों के प्रति मन
गौरतलब है की हर पांच साल बाद होने वाले निकाय चुनावों को लेकर जहां एक ओर लोगो का उत्साह काफी अच्छा देखने को मिलता था लेकिन इस बार के चुनावों मे लोगो का मन कम देखने को मिल रहा है। पहले प्रत्याशी के गली मे आने का शोर सुनकर ही लोग अपने अपने घरो के दरबाजो पर खड़े हो जाते थे लेकिन इस बार प्रत्याशी उनके गेट पर आ जाता है तब जाकर अधिकतर लोग अपने घरो से बाहर निकलते हुए देखे जा रहे है।
बच्चो का भी उत्साह देखने को होता था अलग ही
चुनाव हो और बच्चो को ख़ुशी ना हो ऐसा हो नहीं सकता है। बच्चो को मालूम है वह वोट नहीं डाल सकते है लेकिन फिर भी प्रत्याशी के साथ भीड़ मे चलने और डोल नागाड़ो के आवाज पर उनको डांस करने मे मजा ही अलग आता है।
अपनी-अपनी जीत के लिए मेहनत कर रहे प्रत्याशी
किसी भी पार्टी का प्रत्याशी हो या निर्दलीय प्रत्याशी हर कोई निकाय चुनाव मे जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। लोगो से मिलना अपने से बड़ो की बात मानते हुए उसके आधार पर चल रहा है और अपनी जीत सुनिश्चित करने की कोशिश मे लगा हुआ है।