आगरा। मलेशिया से चलकर ननकाना साहिब (पाकिस्तान) की पवित्र ज्योति और करतारपुर साहिब का पवित्र जल लेकर आगरा पहुंची है। इस पवित्र यात्रा का नेतृत्व मलेशिया निवासी सरदार बलदेव सिंह उप्पल कर रहे हैं। उनके साथ दलजीत, मनदीप सिंह और मो जशनी भी इस यात्रा में शामिल हैं।
यह यात्रा अमृतसर से शुरू होकर दिल्ली, आगरा, पटना साहिब, मणिपुर, वर्मा, म्यांमार और थाईलैंड होते हुए क्वालालम्पुर पहुंचेगी। 5 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर क्वालालम्पुर में इस यात्रा का भव्य स्वागत किया जाएगा।
भाईचारे का संदेश
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य विश्व भर में शांति और भाईचारे का संदेश फैलाना है। श्री गुरु नानक देव जी ने अपने जीवनकाल में भाईचारे का संदेश दिया था और चार उदासियां की थीं। वर्तमान समय में जब पूरी दुनिया में युद्ध का माहौल है, इस यात्रा के माध्यम से गुरु जी के संदेश को जीवंत किया जा रहा है।
भारतीय सेना का स्वागत
जब यह यात्रा भारत की सीमा पर पहुंची तो बाघा बॉर्डर पर भारतीय सेना ने इसका भव्य स्वागत किया और सलामी दी। यह यात्रा 16 अक्टूबर को अमृतसर से शुरू हुई थी और 5 नवंबर को मलेशिया में समाप्त होगी। 27 अक्टूबर को यह यात्रा मणिपुर से म्यांमार बॉर्डर पहुंचेगी।
लंबी यात्रा
यह यात्रा लगभग 6000 किलोमीटर लंबी है। एक प्रेस वार्ता में बलदेव सिंह उप्पल ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य विश्व में शांति और भाईचारा स्थापित करना है।
आगरा में स्वागत
आगरा में इस यात्रा का स्वागत प्रमुख समाजसेवी बंटी ग्रोवर, बंदना प्रसाद, आरिफ हाशमी और शहीद नगर गुरुद्वारे के महासचिव मलकीत सिंह ने किया।