आगरा (अर्जुन) । केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक देश की सड़कों को गड्डा मुक्त बनाने के लाख प्रयास कर रही हैं, लेकिन धरातल पर स्थिति इससे बिल्कुल अलग नजर आती है। आगरा शहर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले एमजी रोड से लेकर शहर के प्रमुख चौराहों और भारी वाहनों से लेकर हल्के वाहन गुजरने के लिए उपयोग में आने वाले अंबेडकर पुल तक खस्ता हाल में हैं।
जिम्मेदारों की अनदेखी:
जिम्मेदार अधिकारियों से लेकर शहर के माननीयों तक का इन प्रमुख चौराहों और सड़कों से रोजाना गुजरना होता है, लेकिन सभी इसे अनदेखा कर आगे बढ़ जाते हैं। आगरा नगर निगम की मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाह मेयर बनने के बाद से नए निर्माण कार्यों पर तो ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन शहर की इन बीमार सड़कों की मरम्मत का कोई ख्याल नहीं है। रोजाना हो रहे हादसों के बाद भी आगरा नगर निगम और अन्य विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों का इन बीमार सड़कों को दुरुस्त करने तक का समय नहीं मिलता है। सड़कों पर बने गड्ढे शहर ही नहीं, विदेशी सैलानियों के हंसी का पात्र बनते हुए नजर आ रहे हैं। नगर निगम को किसी बड़े हादसे का इंतजार है, जिसके कारण शहर के प्रमुख चौराहों से लेकर अंबेडकर पुल तक को दुरुस्त करने का समय नहीं मिल पा रहा है।
शहर की सड़कों पर बने गड्ढे:
1. लाइफ लाइन रोड और हरिपर्वत कोतवाली के बाहर बड़ा गड्डा:
थाना हरीपर्वत कोतवाली के ठीक सामने बने हुए इस बड़े गड्ढे से बचकर रोजाना लाखों वाहनों का गुजरना होता है। लेकिन रात के समय अक्सर कई वाहन चालक इस गड्ढे में गिरकर चोटिल हो चुके हैं। नगर निगम के अधिकारियों से लेकर शहर के माननीयों तक का रोजाना यहां से कई बार गुजरना होता है, लेकिन किसी की नजर इस गड्ढे पर नहीं जाती।
2. पालीवाल पार्क से संजय प्लेस रास्ते पर गड्ढे और बिछी गिट्टियां:
पालीवाल पार्क से संजय प्लेस जाने वाले रास्ते पर सड़क पर बने इस गड्ढे में दिन के समय भी कई वाहन चालक गिरकर चोटिल हो चुके हैं। दूसरी तरह, सड़क पर काफी समय से गिट्टी पड़ी हुई है, जिस पर वाहन अक्सर फिसल जाते हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि कुछ समय पहले यहां गड्ढा खोदा गया था, जिसे बाद में बंद कर दिया गया और ऊपर से मिट्टी डाल दी गई।
3. शहर के व्यस्ततम चौराहे पर किसी बड़े हादसे का इंतजार:
शहर के व्यस्ततम चौराहों में से एक रामबाग चौराहे पर एक गड्ढा ऐसा बना हुआ है, जिसमें कई बार बैटरी रिक्शे पलट चुके हैं और महिला सवारियां भी घायल हुई हैं। बाद में पुलिस ने उन्हें उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया है। इसके अलावा, कई बार दो पहिया वाहन चालक भी इस गड्ढे में आकर असंतुलित होकर चोटिल हो चुके हैं। कई बार शिकायत के बावजूद नगर निगम ने व्यस्ततम चौराहे के इस गड्ढे को भरकर सही करवाने की कवायद तक नहीं उठाई है।
फिर एक बार अम्बेडकर पुल बना जख्मी पुल: खतरे में हजारों की जान
यमुना नदी पर बना अम्बेडकर पुल, जो एत्माद्दौला क्षेत्र के घाट को छत्ता थाना क्षेत्र से जोड़ता है, अपनी खस्ता हालत के कारण हजारों लोगों की जान के लिए खतरा बन गया है। पुल पर जगह-जगह गड्ढे और बीम में दरारें दिखाई दे रही हैं, जो वाहनों और राहगीरों के लिए खतरे का सबब बन गए हैं।
बढ़ती दरारें, बढ़ती चिंता:
पुल पर कई छोटे-बड़े गड्ढे होने के साथ-साथ बीम में कई जगह से दरारे आ चुकी हैं। इन दरारों का आकार धीरे-धीरे बढ़ रहा है, जो पुल की मजबूती पर प्रश्नचिह्न लगाता है।
भारी वाहनों का भार:
रोजाना हजारों भारी-हल्के वाहन इस पुल से गुजरते हैं, जिनका भार पुल पर दबाव बनाता है। वाहनों के गुजरने से पुल पर बने गड्ढे और दरारे और भी गहरी होती जा रही हैं, जिससे पुल की सुरक्षा खतरे में है।
अनदेखी का खतरा:
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने पुल की खस्ता हालत के बारे में कई बार शिकायत की है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। पुल की मरम्मत ना होने से किसी बड़े हादसे का खतरा बढ़ गया है।
पुल पर स्ट्रीट लाइट्स का अभाव भी रात के समय खतरा बन जाता है। पुल पर गंदगी और कूड़े का ढेर भी राहगीरों के लिए परेशानी का सबब है। अम्बेडकर पुल शहर के महत्वपूर्ण पुलों में से एक है। पुल की खस्ता हालत को देखते हुए समय रहते मरम्मत कार्य करवाना आवश्यक है, ताकि किसी बड़े हादसे को रोका जा सके।