ब्रज के प्राचीन कुंडों का जल होगा आचमन योग्य, इस्कॉन और टाटा ग्रुप करेंगे सुधार

Reviving Braj's Sacred Waters: ISKCON and Tata Group Collaborate to Purify Ancient Kunds

Komal Solanki
4 Min Read
ब्रज के प्राचीन कुंडों का जल होगा आचमन योग्य, इस्कॉन और टाटा ग्रुप करेंगे सुधार

मथुरा। भगवान श्री कृष्ण की लीला स्थली ब्रज में स्थित प्राचीन कुंडों का जल अब आचमन योग्य बनने जा रहा है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद की पहल पर इन कुंडों के जल की गुणवत्ता को सुधारने के लिए इस्कॉन और टाटा ग्रुप मिलकर कार्य करेंगे। इस परियोजना का उद्देश्य ब्रज के इन प्राचीन कुंडों को न सिर्फ धार्मिक बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी संवर्धित करना है।

कुंडों की स्थिति और सुधार की आवश्यकता

मथुरा जनपद में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) द्वारा किए गए स्पेस डाटा सर्वे के अनुसार, 2052 जल निकायों में से 288 कुंडों का पता चला है। इनमें से 213 कुंडों का सर्वे किया गया, जिनमें अधिकांश कुंड जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थे और उनका जल गुणवत्ता के हिसाब से खराब था। इन कुंडों का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व भी है, जिससे श्रद्धालु इन स्थानों पर आते हैं।

See also  आगरा-फतेहपुर सीकरी के बीच शुरू हुआ ग्रीन कॉरिडोर

उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने इन प्राचीन कुंडों का पुनरुद्धार कार्य शुरू किया है। अब तक दो दर्जन से अधिक कुंडों का पुनर्निर्माण किया जा चुका है, और इस प्रक्रिया को जारी रखा गया है।

इस्कॉन और टाटा ग्रुप का योगदान

अब इन प्राचीन कुंडों के जल की गुणवत्ता को सुधारने और इनके सौंदर्यीकरण के लिए इस्कॉन और टाटा ग्रुप की मदद ली जा रही है। टाटा ग्रुप ने कुल आठ कुंडों को गोद लिया है, जिनमें मानसी गंगा, राधाकुंड, कृष्ण कुंड, अष्ठसखी कुंड, शांतनु कुंड, गरुण गोविंद कुंड, नरी सेमरी कुंड शामिल हैं। वहीं, इस्कॉन ने प्रिया कुंड, पावन सरोवर, वृषभानु कुंड, विव्हक कुंड, जल विहार कुंड, कृष्ण कुंड जैसे कुंडों को गोद लिया है।

See also  'आवारा नहीं, मजबूर हैं ये प्राणी': आगरा के 'ट्री मैन' त्रिमोहन मिश्रा की भावुक अपील - कुत्तों की रक्षा हम सबका धर्म!

जल शोधन की प्रक्रिया

इस परियोजना के तहत टाटा ग्रुप और इस्कॉन की संस्थाएं इन कुंडों के जल को शुद्ध करने के लिए कार्य करेंगे। इसके लिए पहले ही डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि इन कुंडों के जल को आचमन योग्य बनाने के उद्देश्य से इसे शुद्ध किया जाएगा।

सौंदर्यीकरण और प्राचीन महत्व

ब्रज के अधिकांश कुंड ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन कुंडों का सौंदर्यीकरण और जल की गुणवत्ता में सुधार के साथ ही यह कुंड पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए और भी आकर्षक बनेंगे।

भविष्य की योजनाएं

मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण भी इस पहल का हिस्सा बना हुआ है और उन्होंने पांच कुंडों के जल शोधन पर काम शुरू कर दिया है। कुल मिलाकर, यह परियोजना ब्रज क्षेत्र के धार्मिक और पर्यावरणीय महत्व को बढ़ावा देने में मदद करेगी और इन कुंडों को आचमन योग्य बनाएगी।

See also  नगर क्षेत्र में तैनाती लेकिन देहात क्षेत्र में विवादित बिल बाबू को मिलता रहा चार्ज , .वर्षों से देहात क्षेत्र में टिका बिल बाबू

ब्रज के प्राचीन कुंडों के जल को आचमन योग्य बनाने का यह कदम न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और जल प्रबंधन के मामले में भी एक उत्कृष्ट पहल है। इसके जरिए ब्रज की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के साथ-साथ इन जल निकायों का पुनर्निर्माण और सुधार किया जाएगा, जिससे यह स्थान श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए और भी महत्वपूर्ण बनेंगे।

See also  Etah news:चारा मशीन में फंसकर किशोर की दर्दनाक मौत, गांव में मचा कोहराम जैथरा थाना क्षेत्र के तरगवां गांव की घटना, पशुओं के लिए चारा काटते समय हुआ हादसा
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement