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अगर किसानों के हित में फैसला नहीं आया तो दे दूंगा अपनी जान – भानू

Arjun Singh
5 Min Read

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित रहन कला टोल पर किसानों का आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है। चार दिनों से चल रहे संयुक्त किसान मोर्चा के धरने में बढ़ती स्थिति और किसानों का संकल्प अब एक अहम मोड़ पर पहुंच गया है। इस धरने में शामिल किसानों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है, तो वे अपना संघर्ष और भी तेज करेंगे। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठा. भानू प्रताप सिंह ने आंदोलन में अपनी पूरी शक्ति और समर्थन देने की बात कही, और यहां तक कि यह भी कहा कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वे अपनी जान दे देंगे।

सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने भी जताया समर्थन

आगरा से सपा के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने भी धरने का समर्थन करते हुए किसानों की मांगों को जायज बताया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी किसानों के इस आंदोलन में पूरी तरह से सहयोग करेगी और सरकार से आग्रह करेगी कि किसानों की मांगों का समाधान शीघ्र किया जाए।

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किसानों का दर्द और बिगड़ी तबीयत

आगरा: रहन कला टोल पर संयुक्त किसान मोर्चा का धरना, कई बुजुर्ग और महिलाओं की तबीयत बिगड़ी

धरने में शामिल कई बुजुर्ग किसानों और महिलाओं की तबीयत बिगड़ने की खबरें सामने आई हैं। गर्मी और लगातार बैठने की स्थिति में इन किसानों की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर हो गई है। प्रेमवती, मिथिलेस, हाकिम सिंह सहित कई किसानों को इलाज की आवश्यकता पड़ी, जिसके बाद प्रशासन ने मेडिकल टीम को मौके पर भेजा। आसपास के लोग इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने धरने के आयोजकों से उचित स्वास्थ्य सेवाओं की मांग की है।

किसान मोर्चा का स्पष्ट संदेश

संयुक्त किसान मोर्चा ने यह स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी सभी मांगों का समाधान नहीं होता, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। उनका मुख्य उद्देश्य सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ है, और वे चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द उनके मुद्दों पर गंभीरता से विचार करे। किसान मोर्चा के सदस्य यह मानते हैं कि यह उनका अधिकार है, और वे किसी भी परिस्थिति में अपनी आवाज को दबने नहीं देंगे।

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स्थानीय प्रशासन का कदम

स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अधिकारी धरने पर तैनात हैं और स्थिति को शांतिपूर्ण बनाए रखने के प्रयास कर रहे हैं। प्रशासन ने मेडिकल टीम को भेजा है और विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों ने धरना स्थल का दौरा भी किया है। साथ ही, खंदौली ब्लॉक प्रमुख आशीष शर्मा ने धरने में बैठे किसानों को कंबल वितरित किए और उन्हें हर संभव मदद देने का भरोसा दिया।

धरने का महत्व

किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष युवा पवन समाधिया ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगों का समाधान नहीं हो जाता, तब तक यह धरना जारी रहेगा। उनका कहना था कि अगर प्रशासन ने स्वास्थ्य सुविधाओं का उचित ध्यान नहीं रखा, तो आंदोलन और तीव्र हो सकता है। धरने में शामिल किसान अपनी मांगों को लेकर बेहद गंभीर हैं और वे किसी भी दबाव में आकर अपना संघर्ष समाप्त नहीं करेंगे।

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माहौल और प्रशासन की चुनौतियां

रहन कला टोल पर चल रहे धरने के कारण माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया है। प्रशासन की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं ताकि स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से नियंत्रित किया जा सके। हालांकि, किसान अपने अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह से संकल्पित हैं और उनका कहना है कि इस धरने के द्वारा वे अपने अधिकारों को सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं।

अब यह देखना है कि सरकार और प्रशासन इस मुद्दे को किस तरह सुलझाते हैं और किसानों की मांगों को ध्यान में रखते हुए समाधान निकालते हैं। किसान भी इस आंदोलन को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं, और उनका यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी सभी जायज मांगों को सरकार द्वारा पूरा नहीं किया जाता।

 

 

 

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