संरक्षित स्मारक के समीप अवैध निर्माण, प्रशासन की अनदेखी

Shamim Siddique
4 Min Read
संरक्षित स्मारक के समीप अवैध निर्माण, प्रशासन की अनदेखी

फतेहपुर सीकरी: उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक शहर फतेहपुर सीकरी में स्थित राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक आगरा गेट सिटी वॉल के समीप अवैध निर्माण के मामले में प्रशासन की निष्क्रियता सामने आई है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) द्वारा पुलिस को लिखित सूचना देने के बावजूद भी अवैध निर्माण कार्यों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या प्रशासन इन ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है।

रविवार को मिली सूचना, लेकिन पुलिस बनी रही मौन

रविवार, 2 फरवरी को उप मंडल के संरक्षण सहायक दिलीप सिंह के अनुसार, ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारी उदय सिंह और एमटीएस ने जानकारी दी कि कुछ व्यक्तियों द्वारा संरक्षित स्मारक आगरा गेट सिटी वॉल के विनियमित क्षेत्र में अवैध निर्माण किया जा रहा है। इस जानकारी के बाद दिलीप सिंह ने थाना पुलिस को पत्र भेजकर अवैध निर्माण को तत्काल रोकने की अपील की, लेकिन इस सबके बावजूद पुलिस की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया।

See also  घर में घुसकर महिलाओं से मारपीट: दबंग का वीडियो हुआ वायरल

पत्र मिलने के बावजूद निर्माण कार्य चलता रहा

सूचना मिलने के बाद थाना पुलिस द्वारा शिकायती पत्र को रिसीव तो किया गया, लेकिन इसके बावजूद सोमवार को भी अवैध निर्माण कार्य जारी रहा। इससे यह साफ होता है कि प्रशासन के बीच में कोई समन्वय नहीं है और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा होता है। इसके साथ ही, एसडीएम किरावली और एसीपी किरावली को भी पत्र की प्रतिलिपि भेजी गई थी, लेकिन इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

संरक्षित स्मारकों की सुरक्षा पर उठते सवाल

यह घटना उस समय सामने आई है जब देशभर में ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा को लेकर कई योजनाएं चल रही हैं। आगरा गेट सिटी वॉल जैसे संरक्षित स्मारकों के आसपास इस तरह के अवैध निर्माण, इन धरोहरों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं। यह न केवल इन स्मारकों की संरचना को नुकसान पहुंचा सकते हैं, बल्कि पर्यटकों के आकर्षण को भी प्रभावित कर सकते हैं।

See also  आगरा में जातीय तनाव: पुलिस की एक तरफा कार्यवाही का परिणाम

स्थानीय नागरिकों और विशेषज्ञों की चिंता

स्थानीय नागरिकों और इतिहासकारों ने इस मामले पर गहरी चिंता जताई है और प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की अपील की है। इतिहासकारों का मानना है कि ऐसे निर्माणों से न केवल ऐतिहासिक स्मारकों की स्थिति खराब हो सकती है, बल्कि यह एक बड़ा सांस्कृतिक नुकसान भी हो सकता है। वे मानते हैं कि अगर जल्द ही इन निर्माणों को रोका नहीं गया तो आने वाली पीढ़ियों को इन धरोहरों का सही रूप देखने का मौका नहीं मिलेगा।

संरक्षित क्षेत्र में अवैध निर्माण के कारण

संरक्षित क्षेत्र में अवैध निर्माण के बढ़ते मामले इस बात की ओर इशारा करते हैं कि प्रशासन और पुलिस की लापरवाही से इस तरह के कार्यों को बढ़ावा मिल रहा है। यह भी देखा गया है कि कई बार स्थानीय दबावों के कारण ऐसे अवैध निर्माण रुक नहीं पाते और इन पर कार्रवाई भी नहीं हो पाती। ऐसे में सवाल यह उठता है कि प्रशासन इन समस्याओं को रोकने के लिए क्या कदम उठा रहा है।

See also  बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने को किया सम्मानित
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement