वृंदावन। यमुना खादर में अवैध निर्माण की गतिविधियाँ लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन हाल ही में यमुना भंडार में बहने के कारण बाढ़ की समस्या का होहल्ला नहीं मचने से इन अवैध निर्माणों की ओर कम ध्यान गया है। हालांकि, जिम्मेदार अधिकारी और विभाग अपनी जिम्मेदारियों को लेकर लापरवाह नहीं हैं, लेकिन नई बस्तियों के निर्माण के लिए आवश्यक उपायों की कमी स्पष्ट रूप से देखी जा रही है।
वर्तमान में, वृंदावन में यमुना के किनारे एक दर्जन से अधिक कॉलोनियां बसी हुई हैं, जिनमें प्रमुख रूप से पानी घाट कॉलोनी, कालिंदी विहार कॉलोनी, बिहार घाट के सामने की कॉलोनी और अन्य शामिल हैं। इसके बावजूद, वृंदावन परिक्रमा मार्ग के बारह घाट से लेकर सौभरि वन तक यमुना खादर में बिना किसी रोक-टोक के अवैध निर्माण जारी हैं।
शासन और प्रशासन ने पहले यहां कॉलोनियों को तोड़ने और वहां निवास करने वाले लोगों को हटाने की कार्रवाई की थी, जिसके बाद उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ था। इसके बावजूद, भू-माफिया लगातार सक्रिय हैं और खादर में नई कॉलोनियां बसा रहे हैं।
यमुना किनारे बसी ये कॉलोनियां जब भी यमुना में अधिक पानी आता है, तो जलमग्न हो जाती हैं, जिससे प्रशासन की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। पिछले साल, श्री धाम वृंदावन की ऐसी ही एक कॉलोनी बाढ़ की चपेट में आ गई थी, जिससे निवासियों को पलायन करना पड़ा था और प्रशासन को अतिरिक्त प्रयास करने पड़े थे।
शासन और प्रशासन द्वारा खादर में बसी कॉलोनियों के निस्तारीकरण के लिए रणनीतियाँ तैयार की जाती हैं, लेकिन भू-माफिया की सक्रियता के कारण इन योजनाओं पर पूरी तरह से अमल नहीं हो पा रहा है। इस स्थिति को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाना आवश्यक है ताकि भविष्य में बाढ़ की समस्याओं से निपटा जा सके और अवैध निर्माणों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सके।