आगरा: आगरा में एक युवती पर मानहानि का आरोप लगाते हुए अदालत ने उसे तलब कर दिया है। यह मामला जुड़ा हुआ है उस युवती द्वारा दायर किए गए दुराचार के आरोप से, जिसे बाद में वादी ने झूठा करार दिया। वादी ने आरोप लगाया कि युवती और उसके परिवार ने जानबूझकर उसे बदनाम करने के उद्देश्य से दुराचार का मुकदमा दर्ज कराया और बाद में पांच लाख रुपये की मांग की।
मुकदमा वापस लेने के लिए मांगी थी 5 लाख रुपये
मामले के अनुसार, वादी जितेंद्र सिंह निवासी ग्राम लकावली, थाना ताजगंज, आगरा ने युवती (नीलम राजपूत) और उसके परिवार के खिलाफ अदालत में परिवाद प्रस्तुत किया। वादी का आरोप था कि विपक्षियों ने उसे बदनाम करने के लिए षड्यंत्र रचा और शादी को तोड़ने के उद्देश्य से दुराचार, गाली-गलौज और धमकी देने के आरोप में थाना ताजगंज में मुकदमा दर्ज कराया था।
जितेंद्र सिंह ने बताया कि उसका विवाह 28 नवम्बर 2019 को होना था, लेकिन 24 नवम्बर 2019 को आरोपित युवती के कारण मामला उलझ गया और उसकी शादी टूट गई। वादी ने इस मामले में अदालत का रुख किया और उच्च न्यायालय से राहत प्राप्त की, जिसमें उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई।
सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमा निरस्त किया
विवेचना के दौरान, वादी के खिलाफ आरोप पत्र भेजे जाने के बाद, युवती और उसके परिवार ने मुकदमा वापस लेने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की। वादी द्वारा परेशान होने के कारण उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। 3 फरवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने वादी के खिलाफ दर्ज मुकदमा निरस्त कर दिया था, जिससे युवती और उसके परिवार के खिलाफ कार्रवाई की संभावना समाप्त हो गई।
नए आरोप और मानहानि का मुकदमा
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद, 7 मई 2023 को युवती और उसके परिवार ने वादी से रास्ते में घेरकर गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद वादी ने मानहानि का मुकदमा दायर किया।
अदालत ने तलब किया युवती को
वादी के अधिवक्ता शेखर भदौरिया और प्रदीप कुमार के तर्कों के आधार पर, एसीजेएम 8 दीपांकर यादव ने मानहानि के आरोप में युवती को अदालत में तलब करने का आदेश दिया। अदालत ने अब इस मामले के विचारण के लिए युवती को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।