इंडिया ताइक्वांडो के पदाधिकारियों एवं ऑफिशियल्स को छुपने की नहीं मिल रही जगह, हाई कोर्ट के आदेश के बाद आईटी की हुई फजीहत

Dharmender Singh Malik
8 Min Read
इंडिया ताइक्वांडो के पदाधिकारियों एवं ऑफिशियल्स को छुपने की नहीं मिल रही जगह, हाई कोर्ट के आदेश के बाद आईटी की हुई फजीहत

38 वें राष्ट्रीय खेलों में ताइक्वांडो इवेंट के अंदर पदकों को बेचने के मामले को लेकर आरडी मंगेशकर पहुंचे दिल्ली हाई कोर्ट, मिली बड़ी राहत

ताइक्वांडो इवेंट में आईओए एवं जीटीसीसी के आदेश पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, इस आदेश के बाद मंगेशकर गुट की बांछें खिली

प्रदीप कुमार रावत

Agra News : उत्तराखंड में इन दोनों 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हो रहा है। 20 दिनों तक 35 खेल स्पर्धाओं का उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में आयोजन किया जा रहा है। इन्हीं खेलों में से शुमार है ताइक्वांडो, जो कि नैनीताल में 5 से 8 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है। ताइक्वांडो इवेंट शुरू से ही सुर्खियों और चर्चाओं में रहा है। राष्ट्रीय खेलों के ताइक्वांडो इवेंट को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया (मंगेशकर गुट) को इस आयोजन को संपन्न कराने की जिम्मेदारी दी गई थी। यही नहीं उक्त राष्ट्रीय खेलों के लिए ट्रायल का भी जिम्मा ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया (मंगेशकर गुट) के पास था। लेकिन उक्त ट्रायल में आरडी मंगेशकर एंड कंपनी ने खेला कर दिया।

बताते चलें कि नैनीताल में 38वें राष्ट्रीय खेलों की ताइक्वांडो स्पर्धा के शुरू होने से पूर्व ही यह सुर्खियों एवं चर्चाओं में आ गया। जिसका कारण बताया जा रहा है कि ताइक्वांडो इवेंट की जिम्मेदारी निभा रहे टी. प्रवीण कुमार पर खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के कुछ मामले सामने आए थे। जिसमें बताया गया था कि प्रवीण कुमार द्वारा राष्ट्रीय खेलों के ताइक्वांडो इवेंट की प्रतियोगिताओं में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक का सौदा कर दिया गया है। प्रतियोगिता शुरू होने से पहले ही खिलाड़ियों को स्वर्ण रजत और कांस्य पदक का आवंटन हो चुका था। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में इस तरह की जानकारी सामने आने पर आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने तत्काल प्रभाव से ताइक्वांडो इवेंट के डायरेक्टर टी. प्रवीण कुमार को हटाकर इंडिया ताइक्वांडो के इंटरनेशनल रेफरी दिनेश कुमार को यह जिम्मेदारी दे दी। दिनेश कुमार को 24 घंटे भी जिम्मेदारी लिए हुए नहीं हुए थे उससे पूर्व ही आरडी मंगेशकर हाई कोर्ट पहुंच गए और राष्ट्रीय खेलों को लेकर जीटीसीसी और आईओए के आदेश पर विराम लगवा दिया। बहरहाल, सुखिया और चर्चाओं में रहने के बाद इस मामले पर विराम लग गया है लेकिन अभी यह मामला ख़त्म नहीं हुआ है।

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जिम्मेदार मीडिया समूह होने के नाते हम यहां पाठकों को बताना चाहते हैं कि दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (मंगेशकर गुट )को राष्ट्रीय खेलों के आयोजन करने एवं ट्रायल की जिम्मेदारी दी गई थी। इन ट्रायल के दौरान आईओए एवं जीटीसीसी के प्रतिनिधि मौजूद रहने के निर्देश उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए थे। इसके साथ ही उक्त ट्रायल को वैश्विक मापदंडों के अनुकूल आयोजित किया जाना था। लेकिन ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया (मंगेशकर गुट) के लोगों ने ट्रायल को अपने मनमानी तरीके से आयोजित कराया और उक्त ट्रायल के दौरान जीटीसीसी एवं भारतीय ओलंपिक संघ का कोई भी प्रतिनिधि मौजूद नहीं था। कई राज्यों के प्रशिक्षकों द्वारा बताया गया कि ट्रायल के दौरान मंगेशकर गुट द्वारा जमकर मनमानी की गई है एवं खिलाड़ियों के साथ बड़े पैमाने पर पक्षपात किया है। यहां बताना आवश्यक हो जाता है कि उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार भारतीय ओलंपिक संघ एवं जीटीसीसी का कोई न कोई प्रतिनिधि मौजूद होना अनिवार्य था। आर डी मंगेशकर ने उक्त ट्रायल के दौरान किसी भी आदेश का अनुपालन नहीं किया, जो कि दर्शाता है कि इन राष्ट्रीय खेलों के ट्रायल में बड़े पैमाने पर खेला किया गया है। जब आरडी मंगेशकर जीटीसीसी एवं आईओए की कार्रवाई के बाद पुनः हाई कोर्ट जा सकते हैं तो आखिर जब ट्रायल के दौरान बड़े पैमाने पर धाँधली की जा रही थी उसे दौरान आरडी मंगेशकर क्यों चुप्पी साधे हुए थे।

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अब सवाल यह भी उठ रहा है कि इन सभी मामलों को लेकर जब फजीहत हो रही थी तो भारतीय खेल प्राधिकरण क्यों चुप्पी साधे हुए था। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया अगर चाहता तो इन ट्रायल को खुद भी आयोजित कर सकता था, साईं के पास सभी आधुनिक उपकरण एवं व्यवस्थाएं मौजूद हैं। यही नहीं उनके पास अंतरराष्ट्रीय रेफरी एवं प्रशिक्षक भी हैं। साईं के पास पूरा का पूरा सिस्टम मौजूद है बावजूद इसके साईं द्वारा अपने संरक्षण में राष्ट्रीय खेलों का ट्रायल नहीं कराया गया। बात अब यह आती है कि आखिर हाई कोर्ट को यह जानकारी कौन देता कि सरकार के पास अपनी एक ऐसी संस्था है जो ट्रायल का आयोजन कर सकती है। उधर, यह जानकारी भारतीय ओलंपिक संघ ने उच्च न्यायालय को उपलब्ध नहीं कराई जिसके चलते ट्रायल की पूरी जिम्मेदारी आरडी मंगेशकर गुट को मिल गई और उनका रास्ता साफ हो गया।

बहरहाल, न्यायालय का आदेश सर्वोपरि है। न्यायालय के आदेश पर ही आदि मंगेशकर को ट्रायल एवं राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराने की जिम्मेदारी दी गई थी। बीच में टी.प्रवीण कुमार का मामला आ गया और 50% प्रतिशत ताइक्वांडो ऑफिशल्स को हटाकर इंडिया ताइक्वांडो से जुड़े ऑफिशल्स को यह जिम्मेदारी दे दी गई। इंडिया ताइक्वांडो के पदाधिकारी खूब उछल कूद कर रहे थे, लेकिन उनकी उछल – कूद और बड़बोला पन तब काफूर ही नहीं बना बल्कि इंडिया ताइक्वांडो के पदाधिकारी को मुंह छुपाने के लिए जगह भी नहीं मिली, जब हाई कोर्ट ने आईओए एवं जीटीसीसी को यह आदेश पुनः दिया कि टी.प्रवीण कुमार और उनके कोच एवं ऑफिशल्स को यह आयोजन कराने की जिम्मेदारी पुनः दी जाए। इस आदेश के बाद मानो इंडिया ताइक्वांडो के पदाधिकारी एवं ऑफिशल्स को मुंह छुपाने की भी जगह नहीं मिल रही।

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यहां बताना आवश्यक हो जाता है कि वर्तमान समय में ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ़ इंडिया और इंडिया ताइक्वांडो के किसी भी गुट को भारतीय ओलंपिक संघ और खेल मंत्रालय से संबद्धता एवं मान्यता प्राप्त नहीं है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो वर्ल्ड ताइक्वांडो, भारत पर बहुत करीबी से नजर बनाए हुए हैं, संभावना व्यक्त की जा रही है कि भारत में ताइक्वांडो के भविष्य को लेकर वर्ल्ड ताइक्वांडो द्वारा कभी भी कोई भी बड़ा फैसला ले सकता है। वर्ल्ड ताइक्वांडो के फैसला लेने के बाद भारत से अनिश्चित के बादल भी छटते हुए दिखाई देंगे। वर्तमान में जो फेडरेशन खिलाड़ियों के साथ छलावा एवं लूट- खसूट कर रही हैं उस पर भी विराम लगेगा और खिलाड़ियों एवं ताइक्वांडो में हो रहे बड़े पैमाने पर हो रहे भ्रष्टाचार से भी मुक्ति मिलेगी।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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