जैथरा (एटा) जैथरा पुलिस नाबालिग को अगवा कर दुष्कर्म करने के मामले में सवालों के घेरे में है। थाना क्षेत्र के गांव की एक नाबालिग किशोरी 10 अप्रैल से फिर लापता हो गई है, लेकिन 16 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। परिजन थाने के चक्कर काटते रहे, गुहार लगाते रहे, लेकिन पुलिस सिर्फ वादों की रोटियां सेंकती रही।
करीब 2 हफ्ते बीतने के बाद नाबालिग का कोई सुराग अब तक नहीं मिला है। ऐसे में सवाल ये है कि अगर एक नाबालिग बच्ची को तलाशने में भी पुलिस नाकाम है, तो जनता अपनी सुरक्षा की उम्मीद किससे करे?
पुलिस पर गम्भीर आरोप : मेडिकल परीक्षण तक नहीं कराया, आरोपी को थाने से छोड़ा
मामले में पहले ही जैथरा पुलिस ने लापरवाही की हदें पार कर दीं। जब किशोरी को आरोपी युवक के साथ पहली बार बरामद हुई थी, तब न तो उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया और न ही आरोपी युवक को कोर्ट में पेश किया गया। उल्टे आरोपी को थाने से छोड़ दिया गया। अब वही आरोपी दोबारा बच्ची को उठा ले गया और पुलिस हाथ मलती रह गई।
मां का फूटा दर्द, अदालत का दरवाजा खटखटाया
बेटी के गायब होने, पुलिस के क्रिया कलापों से टूटी मां ने कहा, पुलिस ने हमारे जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। अब हमें सिर्फ भगवान और अदालत पर भरोसा है। दास्तां बताते हुए उसका गला रूंध गया। उसने कहा,हमें नहीं पता अब हमारी बच्ची जिंदा है भी या नहीं। पुलिस ने उसे भुला दिया है, लेकिन हम नहीं भूल सकते। अब हमारी आखिरी उम्मीद अदालत है।
पुलिस से न्याय की आस छोड़कर परिजन अब अदालत की शरण में पहुंचे हैं और बेटी को पाने की गुहार लगाई है।
सवाल ये उठता है कि क्या जैथरा पुलिस ने अपराधियों से सौदेबाजी कर ली है? या पुलिस किसी दबाव में मामले को दबा रही है। या मां ने ही अपनी बेटी मार कर उसे ठिकाने लगा दिया है। इन सभी सवालों के जवाब जांच पूरी होने पर मिल सकते हैं। फिलहाल जांच जारी है।