Advertisement

Advertisements

जया किशोरी ने युवाओं को दिया सफलता का मंत्र – बुजुर्गों के अनुभवों से मिलेगी सपनों की उड़ान

Honey Chahar
4 Min Read
जया किशोरी ने युवाओं को दिया सफलता का मंत्र - बुजुर्गों के अनुभवों से मिलेगी सपनों की उड़ान

बरेली, उत्तर प्रदेश: प्रसिद्ध कथा वाचक और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी ने युवाओं से आह्वान किया है कि वे बुजुर्गों के अनुभवों से सीखें और सफलता की दिशा में आगे बढ़ें। उन्होंने मंगलवार रात फरीदपुर स्थित फ्यूचर यूनिवर्सिटी में आयोजित ‘क्षितिज-विचारों से बदलाव तक’ कार्यक्रम में कहा कि जीवन में स्थायित्व और सकारात्मक दिशा उन्हीं को मिलती है जो धैर्य से सुनते और समझते हैं।

बुजुर्गों की बातों में छिपे हैं जीवन के रहस्य

जया किशोरी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि आज की युवा पीढ़ी छोटे असफल प्रयासों के बाद जल्दी निराश हो जाती है। उन्होंने सलाह दी कि अगर वे अपने घर के बुजुर्गों से बात करें, तो कई ऐसे रहस्य जान पाएंगे जो जीवन की दिशा बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि माता-पिता और अभिभावक ही ऐसे लोग होते हैं जो बिना शर्त अपने बच्चों को खुश देखना चाहते हैं।

See also  UP News : सब इंस्पेक्टर ट्रेन के सामने कूद गए, पायलट ने रोकी ट्रेन, दरोगा बाल-बाल बचे

परवरिश में अपनापन और प्रोत्साहन ज़रूरी

आत्महत्या जैसे घातक कदमों पर चिंता व्यक्त करते हुए, जया किशोरी ने कहा कि ऐसे फैसले लेने वाले ज़्यादातर युवा अभिभावकों से माफ़ी मांगते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वे उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि बच्चों को डाँटने या ताना देने के बजाय उन्हें सुनना और प्रोत्साहित करना बेहद ज़रूरी है।

सोशल मीडिया की सफलता बनाम असली सफलता

उन्होंने युवाओं को चेताया कि सोशल मीडिया पर जो सफलता दिखती है, वह ज़रूरी नहीं कि असली हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि हर रुपये कमाने वाला व्यक्ति सफल नहीं होता, बल्कि सफलता का मापदंड आत्मसंतुष्टि और समाज के लिए सार्थक कार्य है।

See also  जिला कार्यक्रम अधिकारी कासगंज कुशुम वर्मा की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत

सपनों को पूरा करने के लिए जज़्बा और सोच की समानता

कार्यक्रम की थीम पर बोलते हुए, जया किशोरी ने कहा कि क्षितिज हमारी सोच से परे है, इसलिए बड़ा सोचें और अपने लक्ष्य की ओर जुट जाएं। उन्होंने युवाओं को समाज की बातों से न डरने की सलाह दी, क्योंकि हर सफल व्यक्ति की आलोचना होती है, पर इससे विचलित नहीं होना चाहिए।

द्वापर युग की कथा सुनाते हुए जया किशोरी ने कहा कि शास्त्रों में कहीं नहीं लिखा कि महिला घर और पुरुष बाहर का काम करेंगे। यह समाज की बनाई व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि संघर्ष महिलाओं और पुरुषों के बीच नहीं, बल्कि समानता की सोच के लिए होना चाहिए और इसमें दोनों की भूमिका अहम है।

सोशल मीडिया आलोचकों पर सीधा प्रहार

उन्होंने सोशल मीडिया पर मिलने वाली नकारात्मक समीक्षाओं पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि दूसरों को जज करने वाले खुद अपनी सफलता से दूर होते हैं। जया किशोरी ने युवाओं को आत्मनिरीक्षण करने और अकेले ही अपने सपनों की ओर बढ़ने का मंत्र दिया। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपना मार्ग चुना था तो तमाम चुनौतियाँ आईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

See also  महिला कांग्रेस अध्यक्ष बनी अलका लांबा

यह कार्यक्रम युवाओं को जीवन में सही दिशा और प्रेरणा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था, जिसमें जया किशोरी के प्रेरक विचारों ने श्रोताओं को प्रभावित किया।

 

Advertisements

See also  उज्जैन: जैन स्थानक पर पत्थरबाजी, साध्वियों की सुरक्षा खतरे में, समाज में आक्रोश
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement