झांसी, उत्तर प्रदेश, सुल्तान आब्दी: झांसी में गुरुवार को विजिलेंस टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए उप शिक्षा निदेशक कार्यालय के बाबू (वरिष्ठ लिपिक) राकेश चंद्र शर्मा को 7 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। यह रिश्वत एक सहायक लिपिक से उसकी बेटी की शादी के लिए जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) निकालने की संस्तुति के एवज में मांगी गई थी।
जीपीएफ भुगतान के लिए मांगी थी रिश्वत
गिरफ्तार राकेश चंद्र शर्मा पर आरोप है कि उसने सहायक लिपिक राजकुमार सिंह से जीपीएफ भुगतान की संस्तुति करने के बदले 10 हजार रुपये की मांग की थी। जब राजकुमार ने रिश्वत देने से इनकार किया, तो शर्मा ने एक महीने तक उनकी फाइल लटकाए रखी। इस वजह से पीड़ित राजकुमार सिंह अपनी बेटी की शादी तय तारीख 8 जून को नहीं कर पाए और उन्हें शादी की तारीख आगे बढ़ानी पड़ी।
राजकुमार सिंह जालौन के माधौगढ़ कस्बे के इंदिरा नगर के रहने वाले हैं और बुंदेलखंड इंटर कॉलेज वीरनगर में सहायक लिपिक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि अपनी बेटी प्रियल की शादी के लिए उन्हें पैसों की जरूरत थी, जिसके लिए उन्होंने अपने जीपीएफ से 16 लाख रुपये निकालने का आवेदन किया था। यह आवेदन 16 मई को प्रधानाचार्य के माध्यम से जिला विद्यालय निरीक्षक उरई के पास पहुंचा और फिर वहां से उप शिक्षा निदेशक झांसी मंडल कार्यालय आया।
शिकायत के बाद विजिलेंस टीम ने रंगेहाथ दबोचा
जब आरोपी राकेश चंद्र शर्मा बिना रिश्वत के फाइल को आगे नहीं बढ़ा रहा था, तो पीड़ित राजकुमार सिंह ने विजिलेंस मुख्यालय लखनऊ में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर, गुरुवार को निरीक्षक ठाकुरदास के नेतृत्व में विजिलेंस टीम पीड़ित को लेकर उप शिक्षा निदेशक कार्यालय पहुंची।
विजिलेंस टीम ने राजकुमार को रिश्वत के पैसे देकर बाबू राकेश चंद्र शर्मा के पास भेजा। जैसे ही आरोपी ने पैसे लिए, टीम को इशारा मिल गया और उन्होंने उसे तुरंत रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया और 7 हजार रुपये बरामद कर लिए।
आरोपी राकेश चंद्र शर्मा सीपरी बाजार के टंडन रोड का निवासी है, जो फिलहाल सदर बाजार में झांसी क्लब के पास सरकारी आवास में रह रहा था। उसके खिलाफ सदर बाजार में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। विजिलेंस टीम अब इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है।