झाँसी: खाकी का मानवीय चेहरा! पुलिसकर्मी ने रक्तदान कर बचाई अनजान महिला की जान

Sumit Garg
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मुख्य आरक्षी जीतेन्द्र सिंह रक्तदान करते हुए।

झाँसी, सुल्तान आब्दी । पुलिस की छवि अक्सर सख्त और कठोर मानी जाती है, लेकिन उत्तर प्रदेश के झाँसी जनपद से सामने आई एक घटना ने इस धारणा को बदल दिया है। यहां एक पुलिसकर्मी ने अपनी इंसानियत का परिचय देते हुए, एक गंभीर रूप से बीमार महिला को रक्तदान कर उसकी जान बचाई है। इस घटना के बाद से पुलिस के प्रति लोगों का नजरिया बदल रहा है और उनकी प्रशंसा की जा रही है।

मामला झाँसी जनपद की एक महिला मरीज से जुड़ा है, जिसका इलाज मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। इलाज के दौरान मरीज को तुरंत रक्त की आवश्यकता पड़ गई। चुनौती यह थी कि महिला का ब्लड ग्रुप बी निगेटिव था, जो मिलना बेहद मुश्किल होता है। कहीं से भी रक्त की व्यवस्था न होने के कारण महिला की जान खतरे में पड़ गई थी।

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ऐसे संकट के समय में, ललितपुर पुलिस में कार्यरत मुख्य आरक्षी जितेंद्र सिंह एक फरिश्ते की तरह सामने आए। उन्हें एक सामाजिक संस्था के माध्यम से इस महिला मरीज की गंभीर स्थिति के बारे में जानकारी मिली। बिना एक पल की देरी किए, जितेंद्र सिंह ने तुरंत रक्त देने के लिए हामी भर दी। उन्होंने तत्काल अपने उच्चाधिकारियों से अवकाश लिया और ग्वालियर के निजी अस्पताल पहुंच गए।

जितेंद्र सिंह ने निस्वार्थ भाव से अपना बी निगेटिव ग्रुप ब्लड दान किया, जिससे उस अनजान महिला मरीज की जान बच गई। उनके इस मानवीय कार्य की चारों ओर प्रशंसा हो रही है, और लोग पुलिस के इस सकारात्मक व्यवहार की दिल खोलकर तारीफ कर रहे हैं। यह घटना दर्शाती है कि पुलिस सिर्फ कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए नहीं है, बल्कि संकट के समय में वह लोगों की जान बचाने और इंसानियत का धर्म निभाने में भी सबसे आगे रहती है।

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जितेंद्र सिंह का यह कार्य खाकी के एक और मानवीय चेहरे को उजागर करता है, जिससे पुलिस और जनता के बीच विश्वास का रिश्ता और मजबूत होगा।

 

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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