झांसी, सुल्तान अब्दी: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में इन दिनों बिजली की अघोषित कटौती से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। भीषण गर्मी में बार-बार बिजली गुल होने से परेशान जनता का धैर्य अब जवाब दे गया है और लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हो रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों से झांसी महानगर में बिजली कटौती की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। आलम यह है कि हर 10 मिनट के बाद बिजली गुल हो जाती है, जिससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है। पानी की आपूर्ति भी बिजली पर निर्भर होने के कारण जल संकट भी गहराने लगा है।
जनता के इस बढ़ते आक्रोश का प्रमाण बीते दो दिनों में देखने को मिला है। पहले महानगर के लोगों ने मुन्नालाल पावर हाउस पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया था और आज फिर महिलाएं, बच्चे समेत बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होकर उसी पावर हाउस पर पहुंचे और वहां जाम लगा दिया।
समाजवादी पार्टी के नेता आकाश यादव ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए कहा कि झांसी की जनता पिछले एक महीने से विद्युत कटौती की मार झेल रही है, लेकिन बिजली विभाग इस गंभीर समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक बिजली विभाग उन्हें कोई उचित आश्वासन नहीं देता, तब तक वे यहां से नहीं हटेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में बिजली व्यवस्था इतनी खराब हो गई है कि हर थोड़ी देर में बिजली चली जाती है। अगर बिजली विभाग ने इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया, तो उनके खिलाफ एक बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा।
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य भी बिजली विभाग के कर्मचारियों का दिनभर घेराव कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। यह स्थिति कहीं न कहीं यह संकेत देती है कि विद्युत विभाग जानबूझकर उत्तर प्रदेश सरकार की छवि को खराब करने का काम कर रहा है।
इस गंभीर समस्या को देखते हुए सदर विधायक पंडित रवि शर्मा ने भी ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर तत्काल बिजली विभाग की इस समस्या को समाप्त करने का अनुरोध किया था। हालांकि, हैरानी की बात यह है कि भाजपा सरकार का एक भी बड़ा नेता अभी तक जनपद की इस भीषण बिजली समस्या पर खुलकर सामने नहीं आया है।
आज के प्रदर्शन में जनता का गुस्सा चरम पर दिखा। लोगों ने बिजली विभाग मुर्दाबाद के नारे लगाए और बीच सड़क पर लेटकर अनोखे अंदाज में अपना विरोध दर्ज कराया। जनता का यह आक्रोश और लगातार हो रहे प्रदर्शन बिजली विभाग के लिए एक बड़ा संदेश है कि अगर जल्द ही बिजली आपूर्ति सुचारू नहीं की गई, तो यह आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है।