चिरगांव, झांसी, सुल्तान आब्दी: चिरगांव कस्बे में स्थित राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त महाविद्यालय में शुक्रवार को पहली पाली की परीक्षा में एक ऐसा प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला, जिसने उपस्थित छात्र-छात्राओं को शिक्षा के महत्व से परिचित कराया। दरअसल, एक छात्रा अपनी शादी की अधूरी रस्मों के बीच, दुल्हन के लिबास में सजी-धजी अपने ससुरालजनों के साथ परीक्षा देने महाविद्यालय पहुंची। इस अनोखे दृश्य को देखकर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं में खुशी की लहर दौड़ गई और यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई। लोगों ने छात्रा, उसके परिवार और ससुराल पक्ष के इस निर्णय की सराहना करते हुए इसे अच्छे संस्कारों का प्रतीक बताया।
दुल्हन के रूप में परीक्षा देने पहुंची छात्रा प्रीति पाल ने बताया कि उनकी शादी अभी पूरी तरह से संपन्न नहीं हुई है। फेरों की रस्म के बाद अभी उनकी विदाई होनी बाकी है। उन्होंने बताया कि वह यहां से पेपर देने के बाद सीधे घर जाएंगी और वहां विदाई की रस्म पूरी की जाएगी। वहीं, प्रीति के जेठ ने बताया कि अभी भी रिश्तेदार घर पर उनका इंतजार कर रहे हैं और घर पहुंचने के बाद बाकी शादी की रस्में पूरी कर प्रीति की विदाई की जाएगी।
छात्रा प्रीति पाल, जो चिरगांव झांसी की मूल निवासी हैं और मूलचंद्र पाल की पुत्री हैं, अपने बीए चतुर्थ सेमेस्टर के हिंदी विषय की परीक्षा देने के लिए अपने ससुराल पक्ष के साथ, जिसमें उनके जेठ, सहेली और दीदी शामिल थे, महाविद्यालय पहुंची थीं। प्रीति पाल का विवाह मोंठ ब्लॉक के ग्राम पुलिया गांव में आशीष पाल पुत्र संतोष पाल के साथ ग्राम लुधियाई में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुआ था। दुल्हन के रूप में सजी प्रीति पाल ने अपना पेपर शांतिपूर्वक दिया और इसके बाद घर जाकर शादी की अधूरी रस्मों को पूरा किया। बाद में, घर-परिवार और रिश्तेदारों ने भावुक होकर प्रीति को विदा किया।
प्रीति पाल का बीच शादी में परीक्षा देने पहुंचना पूरे गांव और क्षेत्र में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। लोग छात्रा के शिक्षा के प्रति समर्पण, उसके परिवारजनों के सहयोग और ससुराल पक्ष के उदार दृष्टिकोण की प्रशंसा कर रहे हैं। महाविद्यालय के शिक्षकों ने भी छात्रा को आशीर्वाद दिया और उसके उज्जवल भविष्य की कामना की।
वहीं, महाविद्यालय के प्रबंधक डॉ. सुनील भटनागर ने छात्रा के माता-पिता और ससुराल पक्ष द्वारा इस प्रकार का प्रगतिशील निर्णय लेने पर गहरी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके महाविद्यालय के शिक्षकों ने छात्रा को ऐसे अच्छे संस्कार दिए हैं, जिससे वह शादी जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर भी शिक्षा के प्रति जागरूक रही। उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक बच्ची को शादी-विवाह आदि के साथ शिक्षा को पहली प्राथमिकता देनी चाहिए और प्रीति पाल से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।