उत्तर प्रदेश की एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने कानपुर में ट्रेन पलटाने की साजिश के मामले में कौशांबी के दो मदरसों में छापेमारी की। इस कार्रवाई के दौरान, फर्जी तरीके से भारतीय नागरिकता प्राप्त कर रहे दो मौलानाओं को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक मौलाना, फिरोज, के खिलाफ कौशांबी, कानपुर और फतेहपुर में पहले से ही मामले दर्ज हैं।
कौशांबी में एटीएस की सक्रियता
कानपुर में हाल ही में हुई ट्रेन पलटाने की साजिश की जानकारी मिलने के बाद एटीएस ने मंगलवार को यह छापेमारी की। दिलचस्प बात यह है कि स्थानीय पुलिस इस मामले से अनभिज्ञता जता रही है।
संदिग्ध मौलानाओं की गिरफ्तारी
एटीएस को सूचनाएं मिली थीं कि कौशांबी में दो मौलाना पहचान छिपाकर रह रहे हैं, जो पीएफआई के एजेंट भी हो सकते हैं। इन्हें कानपुर की घटना से जोड़कर देखा जा रहा है। इस आधार पर एटीएस ने सरायअकिल और चरवा स्थित मदरसों में छापेमारी की। छापे में दोनों मौलाना, जो नेपाल के रहने वाले हैं, को गिरफ्तार किया गया।
कार्रवाई का विवरण
छापेमारी करीब तीन घंटे तक चली। फिरोज के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं, और यह जानकारी मिली है कि ये दोनों मौलाना युवाओं को भड़काने का काम करते थे। इस कार्रवाई के बारे में पुलिस के किसी भी अधिकारी ने कुछ बोलने से मना कर दिया।
पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें भी सोशल मीडिया के माध्यम से एटीएस के छापे की जानकारी मिली। सुरक्षा एजेंसियां संभावित खतरों के प्रति सतर्क हैं और साजिशकर्ताओं पर नजर रख रही हैं।