जैथरा,एटा। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत विकासखंड जैथरा में किए जा रहे सर्वेक्षण की रफ्तार सुस्त है। बड़ी पंचायतों में स्वत: सर्वे की संख्या शून्य बनी हुई है, जबकि कई छोटी पंचायतों में अपेक्षाकृत अधिक सर्वे हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार, सर्वेक्षण के कार्य में लगे कार्मिकों द्वारा आवासों के सर्वे में विशेष रुचि नहीं दिखाई जा रही है, जिससे इस योजना का क्रियान्वयन प्रभावित हो रहा है। अब तक पूरे ब्लॉक में केवल 658 परिवारों का सर्वे पूरा किया गया है, जो जरूरतमंद लाभार्थियों की वास्तविक संख्या के मुकाबले बेहद कम है।
आंकड़ों के अनुसार, जैथरा ब्लॉक की कई बड़ी ग्राम पंचायतों में एक भी स्वत: सर्वे नहीं हुआ है, जबकि छोटी पंचायतों में अपेक्षाकृत अधिक सर्वे किए गए हैं। इससे योजना की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है क्योंकि सर्वे की प्रक्रिया सुस्त गति से चल रही है।
ग्रामीणों में असंतोष, प्रशासन से जांच की मांग
गांव के लोगों ने आरोप लगाया कि सर्वेक्षण में अनियमितता बरती जा रही है और कई जरूरतमंद परिवार अभी भी सूची में शामिल नहीं हो पाए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से सर्वेक्षण की निष्पक्ष जांच कराने और जरूरतमंदों को इस योजना का लाभ सुनिश्चित कराने की मांग की है।
योजना का उद्देश्य –
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत गरीब परिवारों को पक्के आवास उपलब्ध कराना प्रमुख लक्ष्य है। सरकार की ओर से पात्र लाभार्थियों को किस्तों में वित्तीय सहायता दी जाती है, जिससे वे अपना खुद का पक्का मकान बना सकें।