सैंया (आगरा)। रिश्तों की अटूट डोर और पारिवारिक समझाइश के आगे कानून भी नरम पड़ गया। पेड़ की टहनी तोड़ने पर अपने सगे भतीजे के सिर में डंडा मारकर उसे गंभीर रूप से घायल करने और जान से मारने की धमकी देने के आरोपी चाचा महेंद्र कुमार, निवासी सैंया को न्यायालय ने बरी कर दिया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) 6 आतिफ सिद्दकी ने यह आदेश तब पारित किया जब स्वयं वादी मुकदमा, महेंद्र की भाभी और घायल भतीजे राहुल ने अदालत में उसके पक्ष में गवाही दी।
थाना सैंया में दर्ज मुकदमे के अनुसार, वादिनी श्रीमती बांसवती का पुत्र राहुल वर्ष 2024 में खेत से चारा (चरी) काटकर घर ला रहा था। खेत की मेड़ पर लगे एक पेड़ की टहनी से टकराने के कारण चरी की गठरी जमीन पर गिर गई। इससे गुस्साए राहुल ने पेड़ की टहनी तोड़ दी। इस पर वादिनी के देवर और राहुल के चाचा महेंद्र कुमार ने अपने भतीजे से गाली-गलौज शुरू कर दी। जब राहुल ने इसका विरोध किया, तो आरोपी चाचा ने गुस्से में आकर उसके सिर में डंडा मार दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। आरोप यह भी था कि महेंद्र ने राहुल को जान से मारने की धमकी दी थी।
अपने पुत्र की ऐसी हालत देखकर ममता से विवश होकर श्रीमती बांसवती ने अपने देवर के विरुद्ध थाना सैंया में मुकदमा दर्ज कराया था। घटना के बाद समाज और नाते-रिश्तेदारों ने दोनों पक्षों को आपसी मनमुटाव भुलाकर सुलह करने के लिए समझाया। इस प्रयास का सकारात्मक परिणाम तब देखने को मिला जब दोनों ही पक्षों को अपनी गलती का एहसास हुआ।
अदालत में सुनवाई के दौरान, वादिनी श्रीमती बांसवती और उनके पुत्र राहुल दोनों ही अपने पूर्व के आरोपों से पलट गए और उन्होंने आरोपी महेंद्र कुमार के पक्ष में बयान दिया। उन्होंने अदालत को बताया कि अब उनके बीच कोई विवाद नहीं है और वे इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते।
आरोपी के अधिवक्ता जितेंद्र शर्मा ने अदालत में तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि चूंकि वादी और पीड़ित दोनों ही अब आरोपी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं कर रहे हैं और उन्होंने उसके पक्ष में गवाही दी है, इसलिए मुकदमे को आगे बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं है।
अदालत ने दोनों पक्षों के बयानों और अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद महेंद्र कुमार को सभी आरोपों से बरी करने का आदेश दिया।