आगरा: हत्या के तीन आरोपियों को आजीवन कारावास और 1 लाख 53 हजार रुपये का अर्थ दंड

By MD Khan
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आगरा: पूर्व रंजिश के चलते एक युवक की गोली मारकर हत्या करने वाले तीन आरोपियों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, उन्हें 1 लाख 53 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया गया है। यह मामला थाना बाह के अंतर्गत 27 मई 2019 को हुई हत्या का है, जिसमें आरोपियों ने भदरौली बाजार से लौट रहे युवक की हत्या की थी।

मामला क्या था?

थाना बाह के वादी मुकदमा चंद्रेश कुमार यादव ने पुलिस में तहरीर देकर आरोप लगाया कि 27 मई 2019 की शाम करीब 6:30 बजे उनका और उनके भाई मुन्नेश का बाजार से सामान खरीदने के बाद गांव लौटने का रास्ता था। जब वे गांव के दाता राम के मकान के पास पहुंचे, तो वहां पहले से घात लगाए बैठे तीन आरोपियों ने उनकी मोटरसाइकिल को गिरा दिया। इस दौरान आरोपियों ने पूर्व रंजिश के कारण उनके भाई मुन्नेश को गोली मार दी और हत्या कर दी।

वहां मौजूद लोग आरोपी को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन आरोपियों ने उन्हें धमकियां दीं और फरार हो गए। हत्या की यह घटना गांव में हलचल मचाने वाली थी, लेकिन वादी चंद्रेश कुमार यादव ने थाना बाह में इस मामले की तहरीर दी और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

अदालत का फैसला

मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने आरोपी सुरेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह और योगेंद्र सिंह को दोषी पाया। एडीजे-17 नितिन कुमार ठाकुर ने आरोपी तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और साथ ही 1 लाख 53 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया।

अदालत ने इस मामले में प्रस्तुत किए गए साक्ष्य और अभियोजन पक्ष के तर्कों पर विचार किया। एडीजीसी सत्य प्रकाश धाकड़ ने अदालत में अपने तर्क दिए और आरोपियों की सजा के लिए साक्ष्य प्रस्तुत किए। अंत में अदालत ने इस मामले में आरोपियों को दोषी ठहराते हुए कठोर सजा सुनाई।

आरोपियों की सजा

आरोपी सुरेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह और योगेंद्र सिंह को हत्या और अन्य धाराओं के तहत दोषी पाया गया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। इसके अलावा, उन्हें 1 लाख 53 हजार रुपये का अर्थ दंड भी दिया गया। अदालत का कहना था कि आरोपियों का कृत्य गंभीर अपराध था, जिसे समाज में कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

साक्ष्य और गवाहों की भूमिका

इस मामले में अभियोजन पक्ष ने न्यायालय में अनेक गवाहों के बयान पेश किए और साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिससे यह साबित हो पाया कि आरोपियों ने पूर्व रंजिश के चलते हत्या को अंजाम दिया था। न्यायालय ने इन साक्ष्यों पर विचार करते हुए आरोपियों को दोषी ठहराया और सजा सुनाई।

सजा का संदेश

इस फैसले से यह संदेश मिलता है कि पूर्व रंजिश या व्यक्तिगत दुश्मनी की वजह से किसी की जान लेना गंभीर अपराध है और समाज को इसके खिलाफ कड़ी सजा दी जानी चाहिए। अदालत ने भी यह स्पष्ट किया कि इस तरह के अपराधों के प्रति कोई भी नरमी नहीं बरती जाएगी और दोषियों को उनकी करनी के अनुसार सजा दी जाएगी।\\\\

 

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