घर-घर पूजे गए गोवर्धन भगवान, अन्नकूट का लगाया भोग

Sumit Garg
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सुमित गर्ग,अग्रभारत
खेरागढ़।  द्वापर युग में ब्रजवासियों को इंद्रदेव के प्रकोप से बचाने के लिए भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत एक अंगुली से उठा लिया था। भगवान की इस कृपा का समूचा ब्रज क्षेत्र आज भी कृतज्ञ है। मान्यता के साथ गोवर्धन का पर्व श्रद्धा और उल्लास से मनाया गया।
कस्बे में महिलाओं ने मंदिरों के साथ ही घरों में गोवर्धन महाराज को खेल खिलौने व मिठाइयों से भोग अर्पित किया । साथ ही घर की सुख और समृद्धि के लिए गोवर्धन महाराज से प्रार्थना की।
खेरागढ़ कस्बा में गोवर्धन का त्योहार परंपरागत तरीके से श्रद्धापूर्वक मनाया। घरों व प्रतिष्ठानों को दीये व मोमबत्ती से रोशन किया। महिलाओं ने घरों में आंगन की सफाई कर गाय के गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाई। विधि-विधान से पूजा-अर्चना की।

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श्री गोवर्धन महाराज, महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो। तोपे चढ़े दूध की धार, हो धार, तेरे माथे मुकुट विराज रहयो… गीत गाते हुए जब परिक्रमा लगाई तो हर घर में गोवर्धन की सात कोस की परिक्रमा का दृश्य जीवंत हो उठा। उन्हें अन्नकूट, खील, बतासे, दूध व दही सहित अन्य पकवानों और मिठाई से भोग लगाया। गोवर्धन पूजा के पश्चात बच्चों और युवाओं ने आतिशबाजी भी की।त्योहार के मद्देनजर नगर के बाजारों में भी खूब रौनक रही।

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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