बरेली। बड़े भाई एवं माफिया अतीक अहमद को आजीवन कारावास की सजा होने के बाद अब उसके भाई अशरफ की आंखों में मौत का खौफ आसानी से देखा जा सकता है। प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी के बाद मंगलवार देर रात पूर्व विधायक अशरफ वापस बरेली जेल पहुंचा। यहां जेल गेट पर पुलिस के वज्र वाहन में बैठे अशरफ ने मीडिया से बात की। इस दौरान अशरफ ने कहा कि मुझे एक अधिकारी ने धमकी दी है। उसने कहा कि दो हफ्ते के बाद किसी बहाने से निकाला जाएगा और निपटा दिया जाऊंगा। उसने कहा कि मुझ पर लगे आरोप फर्जी हैं। यह मुझे, मेरे परिवार को और यूपी सरकार को बदनाम करने की साजिश है।
अशरफ ने कहा कि अगर मेरी हत्या होती है तो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और मुख्यमंत्री को मेरा बंद लिफाफा मिलेगा। उसमें उस अधिकारी का नाम होगा जिसने मुझे हत्या की धमकी दी है। अशरफ पर आरोप लगे थे कि बरेली सेंट्रल जेल में 11 फरवरी को उससे नौ लोगों ने मुलाकात की थी। यह मुलाकात अधिवक्ता उमेश पाल की हत्या की साजिश से जुड़ी बताई गई थी। क्योंकि, इस मुलाकात के 13 दिन बाद उमेश पाल की प्रयागराज में हत्या हो गई थी। इस मुलाकात में अशरफ का साला सद्दाम भी शामिल था।
इस सवाल पर अशरफ ने कहा कि मुझसे मिलने कोई आता है तो एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना) और अधिवक्ता के सामने बैठाकर मेरी मुलाकात कराई जाती है। मैं साजिश क्या रचूंगा। मैं विधायक रहा हूं। सद्दाम मेरा साला है, रिश्तेदार है। बहुत सारे समर्थक मिलने आते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए अशरफ ने कहा कि उनके ऊपर भी फर्जी मुकदमे लग चुके हैं, वो अच्छी तरह मेरी पीड़ा को समझते हैं।
मुख्यमंत्री ने माफिया को मिट्टी में मिलाने की चेतावनी दी है। इस सवाल पर अशरफ बोला- मैं कोई माफिया नहीं, क्या आपको मैं माफिया दिख रहा हूं। मेरा भाई विधायक और सांसद रह चुका है। मैं भी विधायक रह चुका हूं। मैं तीन साल से जेल में हूं। अशरफ ने कहा कि हाईकोर्ट का साफ आदेश है कि जो भी कानूनी कार्रवाई कोर्ट करना चाहे, वो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेल में कर सकती है। लेकिन, फिर भी मुझे और मेरे भाई को जेल से निकाला गया।
हाईकोर्ट ने मेरे लिए यह भी आदेश दिया है कि अगर मुझे जेल से ट्रांसफर या किसी भी वजह से बाहर निकाला जाता है तो वीडियोग्राफी हो। मेरी पसंद का अधिवक्ता मेरे साथ रहे। प्रयागराज की एमपीएमएलए कोर्ट में भाई अतीक से मुलाकात के सवाल पर अशरफ ने कहा कि कोर्ट में हम दोनों मिले थे। जैसे दो भाई बात करते है, मिलते हैं…वैसे ही मैं भी मिला। शाइस्ता परवीन मेयर का चुनाव लड़ने वाली थीं, इसलिए उनको फंसाया है।