मानव शर्मा आत्महत्या मामला: सास और साली की जमानत अर्जी खारिज, कोर्ट ने माना परिस्थितिजन्य साक्ष्य मजबूत

By MD Khan
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आगरा: मानव शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने के सनसनीखेज मामले में मंगलवार को जिला न्यायालय ने मृतक की सास पूनम शर्मा और साली नीशु की जमानत अर्जी खारिज कर दी। सत्र न्यायाधीश विवेक संगल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया। दोनों महिलाएं 15 मार्च से जिला कारागार में बंद हैं।

थाना सदर बाजार में दर्ज इस चर्चित मामले में मानव शर्मा ने आत्महत्या से पहले एक वीडियो बनाकर इंटरनेट पर पोस्ट किया था, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया था। मृतक के पिता नरेंद्र कुमार शर्मा, निवासी डिफेंस कॉलोनी सदर बाजार, आगरा ने अपने पुत्र की पत्नी निकिता, ससुर निपेन्द्र कुमार शर्मा, सास पूनम शर्मा, साली नीशु और रिया के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मृतक मानव शर्मा की सास पूनम शर्मा और साली नीशु को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

पिछली सुनवाई में वादी नरेंद्र कुमार शर्मा के अधिवक्ता दीपक कुमार शर्मा ने प्रति शपथ पत्र प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा था, जिसके बाद जिला जज ने जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 15 अप्रैल की तारीख तय की थी।

मानव शर्मा सुसाइड केस की आरोपी सास पूनम शर्मा और साली नीशू शर्मा।

मंगलवार को सत्र अदालत में जमानत अर्जी पर विस्तृत सुनवाई हुई। आरोपियों की ओर से उनके अधिवक्ता ने उन्हें निर्दोष बताते हुए जमानत की गुहार लगाई, जबकि वादी के अधिवक्ता ने जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया और अदालत के समक्ष मजबूत परिस्थितिजन्य साक्ष्य प्रस्तुत किए। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को ध्यानपूर्वक सुना और पत्रावली पर उपलब्ध सबूतों का अवलोकन किया। इसके बाद सत्र न्यायाधीश विवेक संगल ने आरोपियों पूनम शर्मा और नीशु की जमानत याचिका को निरस्त करने का आदेश सुनाया। अदालत ने प्रथम दृष्टया माना कि मृतक द्वारा छोड़े गए वीडियो और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला बनता है।

इस मामले में मुख्य आरोपी मृतक की पत्नी निकिता और ससुर निपेन्द्र कुमार शर्मा अभी भी फरार हैं और पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस घटना ने समाज में वैवाहिक संबंधों और पारिवारिक विवादों के गंभीर परिणामों पर एक बार फिर चिंताएं बढ़ा दी हैं।

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