मथुरा: मथुरा के दिवंगत व्यापारी नेता हेमेंद्र गर्ग की हत्या के बाद एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उनके एक पत्र से पता चलता है कि उन्हें अपनी और अपने परिवार की जान का खतरा था। उन्होंने इस संबंध में शासन-प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी।
हेमेंद्र गर्ग ने अपने पत्र में 2012 के एक भूमि विवाद का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि मथुरा-वृंदावन रोड स्थित गोकर्णनाथ महादेव उत्कर्ष हॉस्पिटल के सामने खसरा नंबर 686 की एक जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। इस जमीन को सतीश बृजवासी पुत्र केशव बृजवासी ने झगड़े का फायदा उठाकर अपने परिवार के नाम रजिस्ट्री करा ली थी। हेमेंद्र गर्ग के अनुसार, इस जमीन में सरकारी जमीन भी शामिल थी, जिसके कारण विभागों में पत्राचार किया गया और सतीश बृजवासी को भवन निर्माण की अनुमति नहीं मिली।
मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में हेमेंद्र गर्ग ने यह भी लिखा कि पिछले साल मोक्षधाम संचालन समिति ने आकाशवाणी से मोक्षधाम तक सड़क चौड़ी करने के लिए जमीन की आवश्यकता जताई थी। इस जमीन में कुछ हिस्सा योगेश यादव से लिया जाना था और कुछ वामनदेव मंदिर से। इस बैठक में खुद को “जल पुरुष” कहने वाले प्रमोद गर्ग कचहरी भी मौजूद थे। बैठक में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि कितनी जमीन ली जाएगी, जिसके कारण विवाद हुआ और मंदिर कमेटी को चोर कहा जाने लगा। इस पर हेमेंद्र गर्ग ने आपत्ति जताई थी।
हेमेंद्र गर्ग ने पत्र में आगे लिखा है कि वह प्रतिदिन नीलकंठ महादेव मंदिर जाते हैं। एक दिन जब वह लौट रहे थे, तो प्रमोद गर्ग उनसे मिले और उनसे विवादित जमीन के कागजात मांगे। इसके बाद प्रमोद गर्ग ने योगेश यादव से कहा कि “इसका ध्यान रखना”। योगेश यादव ने हेमेंद्र गर्ग को एक तरफ ले जाकर धमकी दी। जब हेमेंद्र गर्ग ने प्रमोद गर्ग से इस बारे में पूछा, तो उन्होंने चुप्पी साध ली। इसके बाद विवादित जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया, जिसकी शिकायत संबंधित विभागों और जनसुनवाई पोर्टल पर की गई। इसके बाद उन्हें अज्ञात लोगों से जान-माल की धमकियां मिलने लगीं।
हेमेंद्र गर्ग ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा था कि यदि उनके या उनके परिवार के साथ कोई अप्रिय घटना घटित होती है, तो इसके लिए प्रमोद गर्ग, योगेश यादव और सतीश बृजवासी जिम्मेदार होंगे।
यह पत्र हेमेंद्र गर्ग की हत्या के बाद सामने आया है, जिससे इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। अब पुलिस इस पत्र को भी अपनी जांच में शामिल कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या उनकी हत्या का संबंध इस भूमि विवाद और धमकियों से है।