झाँसी, सुल्तान आब्दी: मऊरानीपुर पुलिस द्वारा समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता डॉ. रघुवीर चौधरी सहित 8 नामजद और 49 अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे ने अब नया मोड़ ले लिया है। इन लोगों पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, भीड़ को उकसाने और सड़क जाम कर प्रदर्शन करने का आरोप है। इसी मामले को लेकर अब समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष तनवीर आलम के नेतृत्व में ग्रामीणों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें मुकदमे की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।
‘सभ्य नेता हैं डॉ. रघुवीर चौधरी, ग्रामीणों की समस्या सुलझाने गए थे’
ज्ञापन में महानगर अध्यक्ष तनवीर आलम ने बताया कि डॉ. रघुवीर चौधरी समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ और पढ़े-लिखे सभ्य नेता हैं, जो मऊरानीपुर विधानसभा में पार्टी का कार्य करते हैं और हमेशा क्षेत्र के लोगों की समस्याओं के लिए तत्पर रहते हैं।
तनवीर आलम के अनुसार, 20 मई को दोपहर करीब 3:00 बजे ग्राम स्यावरी के ग्रामीणों ने फोन के माध्यम से डॉ. चौधरी को अपनी आपबीती सुनाई। ग्रामीणों ने बताया कि उनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है और स्यावरी ग्राम के हुल्कन पटेल, बमेल पटेल, मानवेन्द्र पटेल, लोकेन्द्र पटेल, अरविन्द्र पटेल व कुछ अज्ञात लोगों ने शादी में आकर उनके साथ मारपीट की और उनका एक बच्चा भी नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी जान से मारने की धमकी और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं।
शांतिपूर्ण धरना था, कोई कहासुनी नहीं हुई’
ज्ञापन में कहा गया है कि डॉ. रघुवीर चौधरी ने वहां पहुंचकर ग्रामीणों की पूरी बात सुनी। जब उन्होंने समस्या को उच्च अधिकारियों तक पहुँचाने के लिए संपर्क किया तो कोई अधिकारी नहीं मिला। ग्रामीणों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए, डॉ. चौधरी शाम करीब 6:00 बजे सभी ग्रामीणों के साथ सड़क से पैदल मार्च करते हुए शांतिपूर्वक धरने पर बैठ गए।
तनवीर आलम ने विशेष जोर देते हुए कहा कि डॉ. साहब और ग्राम वासियों की किसी भी प्रकार से प्रशासन से कोई कहासुनी नहीं हुई और न ही कोई धक्का-मुक्की हुई, जैसा कि एफ.आई.आर. में वर्णित है।
निष्पक्ष जांच की मांग
ज्ञापन में महानगर अध्यक्ष तनवीर आलम ने एसएसपी से उक्त मुकदमे की विस्तारपूर्वक और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है, ताकि सच्चाई सामने आ सके। ज्ञापन सौंपने के दौरान रोहित कुमार, ज्ञानचंद्र, महेंद्र कुमार, हेमंत कुमार, विश्वप्रताप सिंह, डालचंद्र, उषा देवी, जानकी, संतोषी, शिवम भूपेंद्र, नितिन, प्रशांत यादव, धर्मेंद्र सहित कई अन्य ग्रामवासी भी मौजूद रहे। यह मामला अब राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर जांच का विषय बन गया है।