मिलावट रोकना तो दूर मक्खी भी नहीं उडा पा रहा विभाग
15 अधिकारी कर्मचारियों के बीच मात्र दो गाड़ी, पूरे जनपद की जिम्मेदारी
मथुरा। इस विभाग की जिम्मेदारी है खाद्य उत्पादों और दवाओं की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता और शुद्धता सुनिश्चित करने के अलावा इस विभाग की जिम्मेदारी जनपद के लोगों को अच्छी गुणवत्ता और शुद्धता के साथ सुरक्षित दवाएं और सौंदर्य प्रसाधन उपलब्ध कराना भी है। यह कार्य विभाग के औषधि अनुभाग को सौंपा गया है। इस पूरे विभाग को मिला कर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के नाम से जाना जाता है कि जिसका कार्यालय मथुरा स्थित कलेक्ट्रेट परिसर में है। इस पूरे विभाग के पास जनपद में वर्ष भर में आने वाले करीब सात करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और 35 लाख से अधिक स्थानीय जनता के खानपान, दवा, सौंदर्य प्रधान सहित दूसरी जरूरी वस्तुओं की शुद्धता और मानक सुनिश्चित करना है। विभाग उपर से मिलने वाले सैंपलिंग लक्ष्य पूरे भी करता है। सैंपल जांच के लिए लैब भेजे जाते हैं और दवा किया जाता है कि जनपद में खाद्य, दवा, सौंदर्य प्रसाधन सहित दूसरी वस्तुओं की शुद्धता और गुणवत्ता बेहतर है। जबकि विभाग के पास चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर जिला स्तरीय अधिकारी तक मानव संसाधन के नाम पर मात्र 15 लोग हैं। जबकि विभाग के पास सिर्फ दो गाड़ियां हैं। ये अधिकारी और कर्मचारी वर्षभर सतत काम नहीं कर सकते हैं। इनमें बारी बारी कुछ कर्मचारी और अधिकारी छुट्टी पर भी रहते हैं। ये मानव संसाधन भी आभासी रहता है। इन 16 में वह तीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हैं जो नगर निगम के अधीन कार्य करते हैं।
मिलावट रोकना तो दूर साफ सफाई तक सुनिष्चित नहीं कर पा रहा विभाग
मिलावट रोकना तो दूर विभाग साफ सफाई तक सुनिष्चित नहीं कर पा रहा है। महावन में बिकने वाले खीर मोहन पर पूर्व में भी प्रतिबंध लगाया गया था। प्रतिबंध का आधर खतरनाक रासायनिक रंगों के प्रयोग को बनाया गया था। इसके बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं है। प्रतिष्ठित खीर मोहन की दुकानों पर आज भी खतरनाक रसायनों का प्रयोग खीरमोहन में हो रहा है। जबकि साफ सफाई तक नहीं की जाती है। मदन का लाला, मिष्ठान खीरमोहन वाले की दुकान महावन मे प्रतिष्ठित है, इस दुकान पर पूर्व में भी कई बार कार्यवाही हुई है। विगत दिन खीरमोहन के मक्खियां पडी होने पर ग्राहक ने शिकायत की तो दुंकानदार उल्टे ग्राहक से ही लडने को उतारू हो गया। पास में ही थाना है पुलिसवाले भी उसकी बात करेंगे जिसके खीरमोहन खाएंगे। यहां आए दिन झगडे होते हैं।
ये हैं विभाग के पास मानव संसाधन
विभाग के पास वर्तमान में एक ड्रग इंस्पेक्टर, आठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी, नगर निगम के तीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी, एक चीफ और एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी यानी संयुक्त खाद्य आयुक्त और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। जिनके भरोसे मथुरा जनपद की इतनी बड़ी जनसंख्या और बाहर से प्रतिदिन आने वाले करीब एक से डेढ़ लाख लोगों की जिम्मेदारी है।
ड्यूटी के लिए निजी वाहन करते हैं उपयोग
खाद्य सुरक्षा अधिकारी अपने अपने क्षेत्रों में ड्यूटी के लिए निजी वाहन का उपयोग करते हैं। जब कही रेड करनी होती है तो सरकारी वाहन का उपयोग किया जा सकता है। रेड के समय कम से कम दो खाद्य सुरक्षा अधिकारी का मौजूद रहना आवश्यक है।

