आगरा,अनदेखी:नहर सफाई में सिंचाई विभाग की लापरवाही आई सामने

Jagannath Prasad
4 Min Read
सिंचाई विभाग द्वारा एफएस ब्रांच में लगाए गए बंध

अपनी नाकामी छिपाने के लिए किसानों के हक का पानी खारी नदी में बहाया गया

आगरा। सिंचाई विभाग द्वारा दीपावली पूर्व जारी किए गए टेंडरों में जनपद की समस्त नहरों, माइनरों, रजवाहा आदि टेल तक तलीझाड़ सफाई का उल्लेख था। सफाई को लेकर उच्चाधिकारियों द्वारा बड़े बड़े दावे किए जा रहे थे। हर साल की तरह विभागीय अधिकारियों द्वारा ऐन वक्त पर करवाई जाने वाली सफाई के बाद जो हालात बनते हैं, उसकी बानगी फिर से नजर आने लगी है।

सिंचाई विभाग की सफाई व्यवस्था की पोल बुधवार को उस समय खुल गई जब किसानों के हक का पानी विभागीय अधिकारियों द्वारा नदी में प्रवाहित करवा दिया गया। यह कारनामा किरावली तहसील में हुआ। बताया जा रहा है कि ओखला बैराज से पोषित एफएस ब्रांच में अचानक पानी का प्रवाह देखकर किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, फसलों की सिंचाई के लिए किसानों को जिसका इंतजार था, किसानों का वह इंतजार कुछ ही समय में और ज्यादा बढ़ गया। एफएस ब्रांच में आए पानी को विभाग द्वारा गांव दौलताबाद में आनन फानन में खारी नदी में डलवा दिया गया। किसानों को कुछ भी समझने का मौका नहीं मिल पाया। इस मामले में क्षेत्रीय किसानों ने विभागीय अधिकारियों पर खुलकर आरोप लगाते हुए कहा कि विभागीय अधिकारियों द्वारा नहर सफाई में हुई कथित अनियमितताओं को छिपाने के लिए किसानों के हक के पानी को खारी नदी में डाला गया है।

See also  UP Crime : सगे मौसा से लड़की का अफेयर था, जैसे ही लड़की की शादी तय हुई मौसा ने कर दिया बड़ा कांड

सैकड़ों क्यूसेक पानी को व्यर्थ बहाने का खुलकर हो रहा कारनामा

बताया जाता है कि एफएस ब्रांच की कुल क्षमता 546 क्यूसेक है। सूत्रों के अनुसार वर्तमान में लगभग 247 क्यूसेक पानी एफएस ब्रांच में छोड़ा गया था। एफएस ब्रांच में सफाई के नाम पर हुई खानापूर्ति का भांडा फूटे, उससे पहले ही उसमें छोड़े गए पानी को रुकवा दिया गया। पानी को रोकने के बाद सफाई की औपचारिकता शुरू कर दी गई।

अधिकांश स्थानों पर सफाई के नाम पर सकरी धन का हो गया बंदरबांट

क्षेत्रीय किसानों में सिंचाई विभाग के खिलाफ आक्रोश पनपने लगा है। उन्हें नहरों में पानी आने पर अपनी फसलों के जलमग्न होने का खतरा भी सताने लगा है। अधिकांश स्थानों पर नहरों की ऊपरी परत को साफ किया गया है। नहरों में सिल्ट उठाने का कोई प्रबंध नहीं किया गया। पटरियों को दुरूस्त नहीं किया गया, डोला कहीं पर भी बनाए नहीं गए। जो डोला पुराने बने भी हुए थे, उन्हें भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। क्षेत्र में चेंकोरा माइनर, जाजऊ माइनर समेत अधिकांश छोटी नहरों की स्थिति बहुत ज्यादा खराब है। इनकी हालत बदतर हो चुकी है। विभागीय अधिकारियों द्वारा वर्तमान हालातों में ही इनमें पानी को छोड़ा जाएगा, इसके बाद किसानों का जो नुकसान होगा, अधिकारियों को इससे कोई सरोकार नहीं दिख रहा।

See also  यूपी में ट्रैफिक जाम से मिलेगी मुक्ति! योगी सरकार 2025-26 तक बनाएगी 62 नए बाईपास, रिंग रोड और फ्लाईओवर

इनका कहना है

एफएस ब्रांच में उगी जलकुंभी के कारण पानी का आगे प्रवाहित होना संभव नहीं हो रहा था। जलकुंभी को सफाई होने तक पानी को खारी नदी में छोड़ा जा रहा है।
कर्णपाल सिंह-अधिशासी अधिकारी

See also  गोंडा में वेंडिंग जोन आवंटन में पारदर्शिता: डीएम नेहा शर्मा के निर्देश पर 581 आवेदकों की सूची का दोबारा सत्यापन
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement