अतीक-अऱशफ हत्याकांड में नया खुलासा: कुख्यात अपराधी रईस बनारसी के भांजे बाबर ने अरेंज किए थे हथियार

3 Min Read

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अतीक अहमद और भाई अऱशफ के हत्याकांड में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। जहां तीनों आरोपियों को नैनी जेल से प्रतापगढ़ शिफ्ट किया गया है। वहीं, आरोपियों को शूटआउट में इस्तेमाल गन मुहैया करवाने वाले की भी जानकारी सामने आई है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, तीनों शूटर्स को कानपुर के एक बदमाश ने हथियार अरेंज करवाए थे। जानकारी के अनुसार कुख्यात अपराधी रईस बनारसी के भांजे, बाबर नाम के बदमाश ने तीनों आरोपियों को पिस्टल मुहैया करवाई थी। हथियार मुहैया करवाने वाला बाबर कानपुर जेल में सजा भी काट चुका है।

2020-21 के दौरान बाबर की मुलाकात आरोपी सनी से हुई थी। कानपुर जेल के अंदर दोनों मिले थे। शुरुआती जांच में यह निकल कर सामने आया है कि बाबर बदमाश ने तीनों आरोपियों को हथियार पहुंचाए थे। कुछ पंजाब के अपराधियों के साथ बाबर के कनेक्शन है। फिलहाल बाबर फरार चल रहा है और पुलिस तलाश रही है। उसे पहले भी आर्म्स एक्ट मामले में सजा भी हो चुकी है और वह सजा काटकर जेल से बाहर आया था।

अतीक के भाई अशरफ ने पहले ही कर दी थी भविष्यवाणी, चर्चा में बना बयान का वीडियो

अहम सूत्रों का कहना है कि अतीक और अशरफ की हत्या में कानपुर और बनारस का कनेक्शन है। यहां गौरतलब है कि घटनास्थल से एक शूटर के पास से तुर्की मेड जिगाना पिस्टल बरामद हुई थी, कानपुर के बाबर ने ही यह जिगाना पिस्टल मुहैया कराई थी। इसके पहले कानपुर हिंसा में बाबर का नाम सामने आया था। बाबर बनारस के कुख्यात अपराधी रईस बनारसी का भांजा है।

बमबाज गुड्डू मुस्लिम सबसे खतरनाक अपराधी: एसटीएफ, उमेश पाल की हत्या में नामजद 10 लोगों में गुड्डू भी शामिल

बाबर कानपुर के कुख्यात डी-2 गैंग का सक्रिय सदस्य है और यह गैंग सेमी ऑटोमेटिक असलहों का अवैध कारोबार भी करता है। जिगाना पिस्टल मूलरूप से तुर्की की हथियार कंपनी टीसास बनाती है और ये भारत में प्रतिबंधित हैं। खासियतों के चलते भारत में यह पिस्टल गैंगस्टर्स की पसंदीदा है।

माफिया ब्रदर्स के जुल्मों की दास्ताँ आने लगी सामने, सबसे ज्यादा मुसलमानों को बनाया निशाना, नाबालिग का अपहरण कर रात भर किया था दुष्कर्म, जमीन की खातिर सबसे ज्यादा हत्याएं

वर्ष 2021 में पंजाब पुलिस ने स्मगल करके पाकिस्तान से लाई 48 विदेशी पिस्टल बरामद की थीं, जिसमें 19 जिगाना थीं। तुर्की की कंपनी तिसास ने पहली बार इसका उत्पादन साल 2001 में किया।

Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version