आगरा: परिषदीय स्कूलों में छात्रों की संख्या में निरंतर गिरावट के कारण प्राथमिक शिक्षक संघ आगरा ने बीएसए कार्यालय में एक महत्वपूर्ण वार्ता की। इस वार्ता में मुख्य रूप से यह मुद्दा उठाया गया कि अमान्य विद्यालयों को संरक्षण मिलना और विधि के विपरीत प्राइवेट स्कूलों को धड़ाधड़ मान्यता दिए जाने से परिषदीय स्कूलों में छात्रों की संख्या घट रही है। इस पर प्राथमिक शिक्षक संघ आगरा के प्रतिनिधिमंडल ने बीएसए (BSA) से बातचीत की और समस्याओं का समाधान निकालने की मांग की।
अमान्य विद्यालयों को संरक्षण और प्राइवेट स्कूलों को मान्यता
प्राथमिक शिक्षक संघ आगरा ने आरोप लगाया कि जिले में कई ऐसे निजी विद्यालय हैं जो पूरी तरह से अमान्य हैं, फिर भी उन्हें प्रशासन की ओर से संरक्षण मिल रहा है और उन्हें मान्यता भी दी जा रही है। इससे परिषदीय स्कूलों में छात्र संख्या में गिरावट हो रही है। संघ ने यह भी कहा कि यह कार्रवाई शिक्षा नीति और नियमों का उल्लंघन है।
शीतकाल में विद्यालय समय में बदलाव की मांग
जिले में कड़ाके की ठंड के चलते बच्चों को विद्यालयों में जाने में काफी कठिनाई हो रही है, जिससे बच्चों के बीमार पड़ने की आशंका बढ़ गई है। संघ ने बीएसए से अनुरोध किया कि शीतकाल में विद्यालयों के समय में बदलाव किया जाए, ताकि बच्चों को ठंड से बचाया जा सके और उनकी सेहत पर कोई बुरा असर न पड़े।
एनपीएस प्रणाली में हो रहे नुकसान की चिंता
संघ ने यह भी आरोप लगाया कि शिक्षकों के वेतन से हर महीने एनपीएस (National Pension Scheme) की कटौती की जाती है, लेकिन वह कटौती और सरकारी अंशदान महीनों तक उनके खातों में जमा नहीं होते हैं। इस कारण शिक्षकों को बाजार आधारित एनपीएस प्रणाली का कोई लाभ नहीं मिल रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है।
लंबित एरियर बिलों पर कोई कार्रवाई नहीं
साथ ही, संघ ने यह भी बताया कि कई शिक्षक और शिक्षामित्रों के लंबित एरियर बिलों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यह स्थिति तब उत्पन्न हो रही है जब सरकार द्वारा घोषित वेतन और भत्तों का भुगतान समय से नहीं किया जा रहा है, जिससे शिक्षकों में गहरी नाराजगी है।
मनमानी तरीके से अवकाश अस्वीकृति
संघ ने यह भी बताया कि शीतकाल में जब शिक्षक/शिक्षामित्र/अनुदेशक लेट होते हैं, तो उन्हें नोटिस देकर कार्यालय में रिपोर्ट करने की प्रक्रिया लागू की जाती है, जबकि उनके प्रार्थना पत्रों पर महीनों तक कोई सुनवाई नहीं होती। इसके अलावा, शिक्षिकाओं और सीसीएल (Child Care Leave) के तहत अन्य देय अवकाशों को बिना ठोस कारण के अस्वीकृत कर दिया जाता है।
नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दे
प्राथमिक शिक्षक संघ आगरा के प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से चौधरी सुरजीत सिंह (जिला संयोजक), हरिओम यादव (नि जिलामंत्री), वरिष्ठ शिक्षक नेता केके इंदौलिया, परमवीर सिंह (अध्यक्ष), अभय चौधरी (अध्यक्ष), मांगेलाल गुर्जर, प्रदीप यादव बाबा, विजयपाल नरवार, बलदेव सिकरवार, बलवीर सिंह, डॉ. जगपाल, अवनेश कुमार, प्रशांत राजपूत, अरुण कुमार, चंद्रशेखर आदि ने भाग लिया। सभी प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाया और बीएसए से शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।
बीएसए से समाधान की उम्मीद
संघ के प्रतिनिधियों ने बीएसए से इस मामले में शीघ्र समाधान की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि यदि इन मुद्दों का समय रहते समाधान नहीं किया गया तो संघ को आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा।