मथुरा। ड्यूटी से बचने के लिए गुरुजी अजब गजब उपाय अपना रहे हैं, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त द्वारा परिषदीय स्कूलों में सुधार के लिए लगातार किए जा रहे औचक निरीक्षण में कई स्कूलों में शिक्षक और कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। छाता ब्लॉक के बाद, विकासखंड बलदेव और मथुरा में किए गए निरीक्षणों में कई स्कूल बंद मिले, जिसके बाद बीएसए ने संबंधित स्कूलों के कर्मचारियों का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं।
शिक्षिका दिव्या सक्सैना पर कार्रवाई
बीएसए सुनील दत्त ने बताया कि उच्च प्राथमिक विद्यालय जैंत प्रथम (मथुरा) में निरीक्षण के दौरान शिक्षिका दिव्या सक्सैना के उपस्थिति पंजिका में उनका नाम डायट पर कार्यरत के तौर पर अंकित पाया गया था। हालांकि, डायट पर कोई प्रशिक्षण नहीं चल रहा था। इस मामले में बीएसए ने शिक्षिका को तीन दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण साक्ष्य सहित देने का निर्देश दिया है। अगर शिक्षिका अपने आरोपों का सही जवाब नहीं देतीं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्कूलों में टाइम एंड मोशन का पालन नहीं
विकासखंड बलदेव के स्कूलों में किए गए निरीक्षण में कम्पोजिट विद्यालय नूंरपुर 2:55 बजे बंद पाया गया। इसके बाद बीएसए ने स्कूल के सभी स्टाफ का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकने का आदेश जारी किया। इसके साथ ही उच्च प्राथमिक विद्यालय खप्परपुर में निरीक्षण के दौरान शिक्षिकाएं संगीता अनुदेशक, इनायतबानो अनुदेशक और बीना अनुदेशक उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर के बावजूद विद्यालय में अनुपस्थित पाई गईं। इन तीनों का एक दिन का वेतन काटने के आदेश दिए गए हैं।
अन्य स्कूलों में भी मिलीं गड़बड़ियां
प्राथमिक विद्यालय खप्परपुर, कम्पोजिट विद्यालय मुजाहिदपुर और प्राथमिक विद्यालय रामनगरिया में भी निरीक्षण के दौरान टाइम एंड मोशन का पालन नहीं पाया गया और ये सभी स्कूल बंद मिले। बीएसए ने इन स्कूलों के स्टाफ का वेतन रोकने का आदेश जारी किया है और सभी स्कूलों के संचालन में सुधार के लिए चेतावनी दी है।
शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
बीएसए सुनील दत्त ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार के लापरवाह रवैये के लिए दोषी शिक्षकों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग के निरीक्षणों से यह स्पष्ट हो चुका है कि कई शिक्षक और कर्मचारी बिना किसी उचित कारण के स्कूलों में उपस्थित नहीं हो रहे हैं, जो कि शिक्षा व्यवस्था के लिए नकारात्मक प्रभाव डालता है।