आगरा: ट्रेन से यात्रा करते समय गंभीर दुर्घटना का शिकार हुए 35 वर्षीय युवक प्रांजल गुप्ता को जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने बड़ी राहत दी है। युवक की दोनों टांगें ट्रेन की पटरी के नीचे आकर कट गई थीं, और बीमा कंपनी ने क्लेम निरस्त कर दिया था। लेकिन अब जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने बीमा कंपनी को युवक को 51 लाख रुपए, 6% ब्याज के साथ अदा करने का आदेश दिया है।
मामले की विस्तृत जानकारी
प्रांजल गुप्ता, निवासी बसेरा रेजिडेंसी, दयालबाग, आगरा, ने आयोग में एक याचिका दायर की थी। उन्होंने बताया कि वह कई बैंकों में पैसा ट्रांसफर करने का काम करते थे और उनकी आय 40,000 से 80,000 रुपए प्रति माह होती थी। 29 मार्च 2019 को उन्होंने Niva Bupa हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से ₹50,000 की पॉलिसी ली थी, जो 28 मार्च 2020 तक वैध थी। पॉलिसी के तहत आकस्मिक दुर्घटना पर ₹62 लाख का क्लेम मिलने की शर्त थी।
दुर्घटना और इलाज
27 दिसंबर 2019 को, प्रांजल गुप्ता दिल्ली से कालिंदी एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे थे। सुबह करीब 3:00 बजे, हाथरस जंक्शन से आगे पूरा स्टेशन के पास वह किसी कारणवश ट्रेन से गिर गए, जिससे उनकी दोनों टांगें पटरी के नीचे आ गईं और गंभीर रूप से घायल हो गईं। दुर्घटना के बाद प्रांजल ने किसी तरह पुलिस को सूचित किया, और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। कई अस्पतालों में इलाज के बाद, डॉक्टरों ने सेप्टिक फैलने की आशंका के कारण उनकी दोनों टांगें घुटने से नीचे काट दीं। इलाज में ₹1 लाख से ज्यादा खर्च हुआ।
बीमा कंपनी ने किया क्लेम निरस्त
प्रांजल गुप्ता ने अपनी पॉलिसी के तहत बीमा क्लेम की औपचारिकताएं पूरी की, लेकिन बीमा कंपनी ने यह कहते हुए उनका क्लेम निरस्त कर दिया कि उनकी कुछ अन्य पॉलिसियां थीं और उन्होंने गलत ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) जमा किया था।
आयोग का आदेश
इस मामले की सुनवाई के बाद जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष सर्वेश कुमार और सदस्य राजीव सिंह ने बीमा कंपनी को आदेश दिया कि वह प्रांजल गुप्ता को 51 लाख रुपए का मुआवजा, 6% ब्याज के साथ, एक लाख रुपए मानसिक पीड़ा के रूप में और ₹20,000 अन्य खर्च के रूप में अदा करें। यह फैसला प्रांजल गुप्ता को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है।