- गोशाला में मृत गाय को नगर पंचायत कार्यालय पर डाल कर जताया विरोध
- मृत गोवंश के समाधि के लिए प्रशासन से जमीन न मिलने पर जताया विरोध
- तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा 2019 में गो सेविका को पद्मश्री देकर किया था सम्मानित
मथुरा। पद्मश्री जर्मन मूल की गो सेविका इरिना ब्रुनिंग फेड्रिक उर्फ सुदेवी दासी मृत गोवंश को राधाकुंड नगर पंचायत कार्यालय पर लेकर पहुंच गईं। उन्होंने मृत गोवंश को कार्यालय के गेट के बाहर डाल दिया। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से वहां मौजूद लोगों में हडकंप मच गया। गो सेविका का आरोप हैं कि उनकी गौशाला में करीब 2800 गोवंश की सेवा चल रही है। यहां प्रतिदिन बीमारी के चलते पन्द्रह से बीस गोवंश की मौत हो रही है। जिन्हें समाधि देने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। प्रशासन से सहयोग नहीं मिल रहा है।
जर्मन मूल की महिला इरिना ब्रुनिंग फेड्रिक उर्फ सुदेवी दासी वर्ष 1978 में पहली बार भारत में ब्रज भ्रमण पर आई थीं। इसके बाद वह राधा कृष्ण की भक्ति में रम गईं। ब्रज में रहकर गोवंश की सेवा करने लगीं। बीजा अड़चनों को दूर करने के लिए जर्मन जाती थीं। यह दौर कई सालों तक चला। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी तो सुदेवी दासी की बीजा अड़चनों पर विराम लग गया।
सन 2019 में सुदेवी को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गो सेवा के लिए पद्मश्री देकर सम्मानित किया। इसके बाद मथुरा जिला प्रशासन ने मुखराई में गौशाला के लिए बीस बीघा जमीन दी। गो समाधि के लिए पांडल मार्ग पर एक बीघा जमीन दिलाई। मृत गोवंश की संख्या में इजाफा होने पर जमीन कम पड़ती इसके लिए एसडीएम गोवर्धन को अवगत कराया गया। आरोप है कि प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की। इससे आहत होकर गुरुवार को सुदेवी दासी ने मृत गोवंश को राधाकुंड नगर पंचायत में डलवा कर प्रशासन पर आरोप लगाते हुए अनदेखी के आरोप लगाए।
गोशाला में 2800 गोवंश की सेवा चल रही है। प्रतिदिन कई गोवंश चोटिल व बीमारी से पीड़ित आती हैं। इसमें पन्द्रह से बीस गोवंश की मौत प्रतिदिन हो जाती है। समाधि के लिए कोई जगह नहीं है। प्रशासन मृत गाय की समाधि के जगह दिलाई जाए।
– पद्मश्री सुदेवी दासी