लखनऊ : पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना के सफल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद, देश भर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सेना के शौर्य और सम्मान में ‘तिरंगा यात्रा’ निकाल रही है। इसी कड़ी में रविवार को लखनऊ में भी राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा के नेतृत्व में एक विशाल तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। इस यात्रा में भाजपा के बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और आम जनता ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, हाथों में तिरंगा लिए ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारों से लखनऊ की सड़कें गूंज उठीं।
पाकिस्तान को ‘आने वाली पीढ़ियों तक याद रखने वाला’ जवाब
लखनऊ स्थित भाजपा दफ्तर से शुरू होकर अमीनाबाद के झंडेवाला पार्क तक निकली इस यात्रा को पार्टी ने ‘शौर्य यात्रा’ का नाम दिया। यात्रा का नेतृत्व करते हुए, राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा, “इस बार पाकिस्तान को वो जवाब दिया गया है, जो उसकी आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी और भारत में आतंक फैलाने से पहले पचास बार सोचेंगी।”
शर्मा ने आगे कहा कि ये तिरंगा यात्राएं इस बात का संकेत हैं कि अब भारत में हिंदू-मुसलमान, अगड़ा-पिछड़ा का भेद समाप्त हो गया है। “ये भारत एक है और ये एक भारत अनेक आतंकवादियों के पतन के लिए तैयार खड़ा है,” उन्होंने जोर देकर कहा।
ब्रह्मोस मिसाइल ने तबाह किए 11 एयरबेस: दिनेश शर्मा
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जिक्र करते हुए, दिनेश शर्मा ने भारतीय सेना की शक्ति का बखान किया। उन्होंने कहा, “अब ये आतंकवादियों के आतंक से आतंकित होने वाला भारत नहीं है, अब ये आतंकियों के घर में घुसकर मारने वाला भारत है, ये मोदी युग है।” उन्होंने दावा किया कि भारतीय सेना की ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस खत्म किए हैं, आतंकियों के नौ ठिकानों को नष्ट किया है, सौ आतंकियों को मार गिराया है और पचास सैनिक ढेर हुए हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को ऐसा जवाब मिला है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां भी भारत में आतंकवाद फैलाने के बारे में सोचने से पहले पचास बार सोचेंगी। “हम छेड़ते नहीं और कोई छेड़ता है तो उसे छोड़ते नहीं है,” शर्मा ने दृढ़ता से कहा।
देश भर में सेना के सम्मान में तिरंगा यात्राएं
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद, भारतीय जनता पार्टी देश भर में सेना के सम्मान में ये तिरंगा यात्राएं आयोजित कर रही है। लखनऊ की यात्रा में शामिल कार्यकर्ताओं के चेहरों पर गर्व और उत्साह स्पष्ट दिख रहा था, जो भारतीय सेना के शौर्य और राष्ट्र की एकता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ये यात्राएं न केवल सेना के बलिदान को याद करने का माध्यम हैं, बल्कि देश को यह संदेश भी देती हैं कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई जारी रहेगी और हर चुनौती का सामना दृढ़ता से किया जाएगा।