कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर उतारे पैराशूट प्रत्याशियों को दिखाया बाहर का रास्ता
जमीन से जुड़े रालोद और बसपा प्रत्याशियों के सिर बंधा जीत का सेहरा
किरावली। गुड गवर्नेंस और सबका साथ सबका विकास के नारे को लेकर निकाय चुनाव में मजबूती से उतरी भाजपा के प्रत्याशियों को अछनेरा और फतेहपुर सीकरी में मुंह की खानी पड़ी है। जनप्रतिनिधियों से लेकर पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की लंबी चौड़ी फौज व मजबूत संगठन का दावा भी चुनावों में काम नहीं आया। शनिवार को निर्णायक फैसले ने जनता के जनादेश पर मुहर लगा दी, जिसको चाहा सिर पर बिठा लिया और जिस पर निगाहें टेढ़ी की तो परिदृश्य से ही बाहर कर दिया।
आपको बता दें कि किरावली तहसील क्षेत्र के अंतर्गत तीन निकायों में सिर्फ किरावली में ही भाजपा प्रत्याशी प्रवीना सिंह जीती हैं। प्रवीना सिंह की जीत में भाजपा से ज्यादा निवर्तमान चेयरमैन नूतन विनोद अग्रवाल का महत्वपूर्ण योगदान है। चुनावी समर में नूतन विनोद अग्रवाल के मजबूत साथ के सहारे रण को फतह कर लिया। नूतन विनोद अग्रवाल की लोकप्रियता का ही परिणाम रहा कि मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भी भाजपा को भरपूर वोट मिले। उधर अछनेरा में राष्ट्रीय लोकदल की ओमवती ने भाजपा प्रत्याशी राधा देवी को 751 और फतेहपुर सीकरी में बसपा प्रत्याशी शबनम ने भाजपा प्रत्याशी राजन देई को 1988 के बड़े अंतर से हरा दिया। अछनेरा और फतेहपुर सीकरी के परिणामों ने भाजपा को भी सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। सूत्रों के अनुसार कार्यकर्ताओं का असंतोष पूरे चुनाव में हावी रहा। अधिकांश पार्टी कार्यकर्ता बेमन से प्रत्याशियों के साथ रहे।
रालोद और बसपा के विजयी प्रत्याशियों को लोकप्रियता का मिला लाभ
उल्लेखनीय है कि अछनेरा में विजयी राष्ट्रीय लोकदल प्रत्याशी ओमवती के पति महेंद्र सिंह भगत विगत में चेयरमैन रह चुके हैं। साफ सुथरी और ईमानदार छवि के महेंद्र सिंह भगत अधिकांश समय जनता के बीच में ही रहकर गुजारते हैं। आज भी किराए के मकान में रहते हैं। उधर फतेहपुर सीकरी में विजेता प्रत्याशी शबनम के पति मोहम्मद इस्लाम भी विगत में चेयरमैन रह चुके हैं। मुस्लिम समाज के अलावा सर्वसमाज में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। विगत चुनाव हारने के बावजूद निरंतर वह जनता के बीच ही रहे। इसी का परिणाम रहा कि बंपर वोटों से उनकी पत्नी की जीत हुई।