ताज लिटरेचर क्लब में काव्य संध्या, हिंदी और ब्रजभाषा के कवियों ने बांधा समां

Dharmender Singh Malik
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ताज लिटरेचर क्लब में काव्य संध्या, हिंदी और ब्रजभाषा के कवियों ने बांधा समां

आगरा: ताज लिटरेचर क्लब-आगरा के तत्वावधान में आज, 4 मई 2025 को मुख्यालय पथवारी स्थित कार्यालय पर एक भव्य काव्य संध्या का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय दोहा सम्राट अशोक अश्रु और क्लब के संस्थापक राजकुमार शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलन कर इस साहित्यिक महफिल का विधिवत शुभारंभ किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, प्रख्यात दोहा सम्राट अशोक अश्रु विद्यासागर ने अपने ओजपूर्ण शब्दों में कहा, “भारत का नव निर्माण होना चाहिए वंदेमातरम् का गुणगान होना चाहिए।” उनकी इस प्रेरणादायक पंक्ति ने उपस्थित श्रोताओं में देशभक्ति का संचार कर दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ अर्थशास्त्री वेद प्रकाश त्रिपाठी ने भारतीय साहित्यिक परंपरा और आगरा के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय परिवेश में साहित्यिक गतिविधियां आगरा का एक महत्वपूर्ण हुनर रही हैं। सूरदास जैसे महान कवि की इस नगरी में ताज लिटरेचर क्लब के बैनर तले ऐसे सार्थक कार्यक्रम का आयोजन अत्यंत गर्व की बात है।

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विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित ब्रज भाषा के लोकप्रिय कवि ब्रज लाल बिहारी ‘बिरजू’ ने अपनी मधुर ब्रज भाषा की रचनाओं से काव्य संध्या में विशेष रंग भर दिया। उनकी कविताओं ने श्रोताओं को ब्रज की संस्कृति और लोक जीवन से जोड़ा।

कार्यक्रम में आमंत्रित अन्य प्रतिष्ठित कवियों सर्वश्री डॉ. यशोयश, आदर्श नंदन गुप्त, गया प्रसाद मौर्य, संगीता शर्मा ‘सरगम’, प्रभु दत्त उपाध्याय, रामेन्द्र शर्मा, उमाशंकर शर्मा, ऊषा गिल ‘प्रकाश बेबाक’, कामेश मिश्र ‘सनसनी’, नीरू शर्मा और आनंद राय ने भी अपनी चुनिंदा रचनाओं से समां बांध दिया। प्रत्येक कवि ने अपनी अनूठी शैली और भावपूर्ण प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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इस साहित्यिक आयोजन में चतुर्भुज तिवारी, बृजेश अग्रवाल, राकेश लवानिया और ओम प्रकाश अग्रवाल सहित अनेक साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे, जिन्होंने कवियों का उत्साहवर्धन किया।

गया प्रसाद मौर्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि दो दिन पूर्व ही सूरदास जयंती मनाई गई थी और आज यहां ब्रजभाषा के कवियों ने जिस प्रकार ब्रजभाषा में अपनी रचनाएं प्रस्तुत की हैं, उससे यह उम्मीद बंधती है कि भविष्य में ब्रजभाषा पुनः जन-जन तक अपनी मधुरता और गहराई के साथ पहुंचेगी। उन्होंने सूरदास जी को याद करते हुए कहा कि उनके अमर दोहे आज भी जनमानस पर अपना व्यापक और गहरा प्रभाव छोड़ते हैं।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए भावना वरदान शर्मा ने ताज लिटरेचर क्लब के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि क्लब हिंदी के साथ-साथ ब्रजभाषा को भी समान रूप से बढ़ावा देता है और समय-समय पर काव्य गोष्ठियों का आयोजन करके ब्रजभाषा के कवियों को एक मंच प्रदान करता है।

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कार्यक्रम का सफल और कुशल संचालन अनुपमा दीक्षित ने अपनी वाक्पटुता से किया, जबकि आज की काव्य संध्या की सूत्रधार भावना वरदान शर्मा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। यह काव्य संध्या हिंदी और ब्रजभाषा के संगम के रूप में साहित्यिक प्रेमियों के लिए एक यादगार शाम साबित हुई।

 

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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