आगरा: आगरा के मलपुरा थाना क्षेत्र में शनिवार दोपहर एक बड़ा हादसा टल गया जब नगला माकरोल के पास हाईवे ओवरब्रिज पर एक युवक ने आत्महत्या का प्रयास किया। गनीमत रही कि युवक ने आत्महत्या करने से पहले पुलिस कंट्रोल रूम 112 पर सूचना दे दी, जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने उसे सकुशल बचा लिया।
जानकारी के अनुसार, धनौली निवासी राजकुमार उर्फ राजू शनिवार दोपहर करीब 1 बजे नगला माकरोल के पास हाईवे ओवरब्रिज पर चढ़ गया। बताया जा रहा है कि वह किसी गंभीर परेशानी के चलते यह आत्मघाती कदम उठाने जा रहा था। हालांकि, उसने अंतिम क्षणों में पुलिस को सूचना देने का फैसला किया, जो उसकी जान बचाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ।
पुलिस की मुस्तैदी और त्वरित कार्रवाई
पुलिस कंट्रोल रूम 112 पर सूचना मिलते ही पीआरबी (पुलिस रिस्पांस वैन) 6394 के हेड कांस्टेबल धर्मेंद्र कुमार और प्रमोद कुमार तुरंत मौके के लिए रवाना हुए। उन्होंने तत्काल ककुआ चौकी प्रभारी दीपक चौधरी को भी घटना की जानकारी दी।
मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने सूझबूझ का परिचय दिया। उन्होंने राजकुमार को बातों में उलझाया और उसे समझाने-बुझाने का प्रयास किया। इसी बीच, ककुआ चौकी के दो सिपाहियों ने सतर्कता दिखाते हुए युवक को सुरक्षित ओवरब्रिज से नीचे उतार लिया। पुलिस की इस त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की हर तरफ सराहना हो रही है, जिसने एक व्यक्ति की जान बचा ली।
धोखाधड़ी का शिकार युवक, पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप
राजकुमार उर्फ राजू ने पुलिस को बताया कि उसने एक व्यक्ति को मकान दिलाने के लिए डेढ़ लाख रुपये दिए थे। उसका आरोप है कि आरोपी व्यक्ति न तो उसे मकान दिला रहा है और न ही उसके पैसे वापस लौटा रहा है। राजकुमार ने बताया कि उसने इस धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस में भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई न होने से वह मानसिक रूप से इतना परेशान हो गया था कि उसने यह आत्मघाती कदम उठाने का फैसला कर लिया था।
पुलिस कर रही है मामले की जांच
इस पूरे प्रकरण पर थाना मलपुरा प्रभारी पवन कुमार सैनी ने बताया कि यह आपसी लेनदेन का मामला प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल, पुलिस ने राजकुमार को परिजनों को सौंप दिया है और उसे मनोवैज्ञानिक परामर्श देने की भी बात कही जा रही है ताकि वह इस मुश्किल दौर से उबर सके। इस घटना ने एक बार फिर यह दर्शाया है कि पुलिस का त्वरित रिस्पांस और जन-जागरूकता कैसे बड़े हादसों को टाल सकती है। साथ ही, यह घटना लोगों को धोखाधड़ी से सावधान रहने और ऐसी किसी भी स्थिति में तुरंत पुलिस से संपर्क करने की आवश्यकता पर भी जोर देती है।