बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद के छतारी थाना क्षेत्र स्थित नारऊ गांव में स्थित देवी मंदिर में असामाजिक तत्वों ने नवरात्र के पहले दिन माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। इन तत्वों ने मंदिर में घुसकर देवी की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया और मंदिर के गेट पर लगी टाइल्स को भी तोड़ डाला। इस घटना के बाद वहां का माहौल गरमा गया और स्थानीय लोग व हिंदू संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए, जिसके बाद भारी हंगामा हुआ।
हंगामे के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की तत्परता
घटना की सूचना मिलते ही सीओ डिबाई शोभित कुमार, थाना प्रभारी संदीप कुमार, तहसीलदार विपिन वर्मा, कानूनगो रूप सिंह, इंस्पेक्टर डिबाई रवि रतन और इंस्पेक्टर पहासू रामपाल सिंह समेत पुलिस बल मौके पर पहुंचे। पुलिस अधिकारियों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने लोगों को समझा-बुझाकर हंगामा शांत कराया, ताकि स्थिति और बिगड़े नहीं।
मंदिर में तोड़फोड़ करने का आरोप
स्थानीय ग्रामीणों और बजरंग दल के संयोजक संदीप राघव के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग मंदिर के बाहर इकट्ठा हो गए और घटना के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि असामाजिक तत्वों ने नवरात्रि के दौरान जानबूझकर यह घटना अंजाम दी, जिससे समाज में सांप्रदायिक माहौल बिगड़ सके। हंगामे के कारण इलाके में तनाव फैल गया था, लेकिन पुलिस की तत्परता से स्थिति नियंत्रण में आ गई।
पुलिस ने मामला दर्ज किया, आरोपियों की गिरफ्तारी का दावा
सीओ डिबाई शोभित कुमार ने बताया कि मंदिर में तोड़फोड़ करने के आरोप में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस मामले की जांच के लिए पुलिस की दो टीमें गठित की गई हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है और आरोपियों को पकड़ने के लिए प्रयासरत है।
नवरात्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन सतर्क
नवरात्र के अवसर पर राज्य में सुरक्षा को लेकर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। इस घटना के बाद प्रशासन ने मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने भी इलाके में गश्त बढ़ा दी है और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।