जब तक दोषी पुलिस वालों का निलंबन नहीं होगा, आंदोलन जारी रहेगा
अधिवक्ताओं के प्रति विद्वेषपूर्ण रवैया कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
आगरा। प्रदेश भर के अधिवक्ताओं के खिलाफ साजिश के अन्तर्गत प्रतिकूल माहौल पैदा किया जा है। पुलिस प्रशासन में कार्यरत तमाम बदमिजाज अधिकारी जानबूझकर अभद्र बोली भाषा का प्रयोग कर न्यायतंत्र के शांतिपूर्वक कार्य में अशांति फैलाने का कार्य कर रहे हैं। यह स्थिति बेहद ही चिंतनीय है।
न्याय तंत्र का कार्य सुचारू चले, इसके लिए बेहद जरूरी कि पुलिस कर्मी अधिवक्ता बहन भाईयों के साथ सम्मानजक व्यवहार करें। यह कहना है बार काउंसिल ऑफ यू पी के सदस्य पद की प्रबल दावेदार एडवोकेट सरोज यादव का। एडवोकेट सरोज यादव सोमवार को भी आगरा सेशन कोर्ट स्थित गेट न. दो पर वकीलों द्वारा पुलिस के विरुद्ध दिए जा रहे धरना प्रदर्शन में शामिल रहीं।
एडवोकेट सरोज यादव ने कहा कि अगर पुलिसकर्मियों को अगर अपने लिए सम्मान चाहिए तो उन्हें वकीलों का सम्मान करना भी सीखना होगा। ऐसा संभव ही नहीं है कि अधिवक्ताओं को कोई अपमानित करने की मंशा रखता हो और उसे वकील समाज सम्मान प्रदान करें।
उन्होंने मांग की है कि जो भी पुलिस वाले अधिवक्ताओं के उत्पीड़न में संलिप्त हैं, उनका निलंबन के साथ ही साथ उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो अधिवक्ता अपने आंदोलन को वापस नहीं लेंगे। एडवोकेट सरोज यादव का कहना है कि अधिवक्ताओं के खिलाफ सोची समझी विद्वेष पूर्ण, अपमानजनक सोच रखने वाले पुलिस कर्मियों को अपनी मानसिकता को दुरुस्त रखने की बहुत आवश्यकता है। अधिवक्ताओं के मान सम्मान और स्वाभिमान से कोई भी खिलवाड़ करने की कुचेष्टा कतई न करे । उन्होंने कहा कि वकीलों के विरुद्ध विद्वेष पूर्ण कार्यवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।