आगरा: थाना एत्माद्दौला में पुलिस पर जानलेवा हमले के एक मामले में अभियोजन पक्ष कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका. कोर्ट ने आरोपी फैजा उर्फ फैयाज निवासी इस्लामनगर एत्माद्दौला आगरा को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया.
क्या था मामला?
घटना 4 अक्टूबर 2015 की है. कांस्टेबल अखंड प्रताप अपने साथी पुलिसकर्मी शौकीन सिंह के साथ फाउंड्री नगर में ड्यूटी पर थे. इस्लामनगर मोड़ पर पहुंचने पर दो-तीन लोग पुलिस वालों को देखकर भागने लगे. एक व्यक्ति खड़ा रहा, जिससे उन्होंने उन लोगों के भागने का कारण पूछा. आरोपी ने अपना नाम फैजा उर्फ फैयाज निवासी इस्लामनगर बताते हुए अनर्गल बातें करने लगा तथा हाथापाई करने लगा और गाली गलौज करते हुए जान से मारने की नीयत से गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की तथा वर्दी फाड़ दी. तभी साथी कांस्टेबल शौकीन सिंह ने किसी तरह वादी को बचाया.
कोर्ट का फैसला
कोर्ट में दोनों गवाहों से आरोपी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजा बाबू शर्मा, राम शर्मा एवं अंशुल भारद्वाज द्वारा की गई जिरह में वादी एवं साथी गवाह शौकीन सिंह कोई ठोस जवाब नहीं दे सके. ना ही जीडी में वर्दी फाड़ने का जिक्र किया गया, ना ही चोट का कोई मेडिकल पाया गया. तथा शौकीन सिंह ने कहा कि उसने वादी अखंड प्रताप सिंह की वर्दी फटी हुई नहीं देखी थी और ना ही उसके खून निकला था. कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में आरोपी को बरी कर दिया.