बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा ने झांसी मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की कमी, उपकरणों के अभाव और आउटसोर्सिंग के खिलाफ प्रदर्शन किया। अध्यक्ष भानू सहाय ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।
झांसी: बुंदेलखंड के मेडिकल कॉलेजों में बदहाली को लेकर हंगामा
झांसी, (सुल्तान अब्दी) – बुंदेलखंड क्षेत्र की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर एक बार फिर विरोध के स्वर गूंज उठे हैं। बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय के नेतृत्व में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, झांसी के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ काले झंडे लहराए और गगनभेदी नारे लगाए, जिसमें उन्होंने तत्काल मेडिकल स्टाफ की भर्ती की मांग की।
क्या हैं प्रमुख मुद्दे?

मोर्चा ने जिलाधिकारी और प्रधानाचार्य के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में बुंदेलखंड के पिछड़ेपन और लोगों की आर्थिक स्थिति का जिक्र करते हुए कहा गया है कि यहां के लोग इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों पर ही निर्भर हैं। लेकिन इन अस्पतालों की हालत बेहद खराब है।
* स्टाफ की भारी कमी: ज्ञापन में बताया गया है कि बुंदेलखंड के सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, सीएचसी और पीएचसी में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी है। उदाहरण के तौर पर, महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में कुल 2039 पदों में से 1371 पद खाली पड़े हैं।
* उपकरणों का अभाव: मेडिकल कॉलेज में अत्याधुनिक उपकरणों की भी भारी कमी है। वहां केवल एक एमआरआई, एक सीटी और दो अल्ट्रासाउंड मशीनें हैं, जबकि 20 करोड़ से अधिक के उपकरणों की आवश्यकता है।
* आउटसोर्सिंग पर चिंता: मोर्चा ने मांग की है कि सभी आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किया जाए, ताकि वे बेहतर और जिम्मेदारी के साथ काम कर सकें।
सरकारी दावों पर सवाल
भानू सहाय ने कहा, “एक तरफ सरकार कहती है कि उत्तर प्रदेश में ‘सब चंगा है’ और बुंदेलखंड में ‘विकास की गंगा’ बह रही है, लेकिन हकीकत में यहां चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर से रोक हटाकर जो भत्ता बचेगा, उसका उपयोग नई भर्तियां करने में किया जाए।
प्रधानाचार्य ने दिया आश्वासन
प्रदर्शन के दौरान, बुंदेलखंड के योद्धाओं ने मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार से प्रधानाचार्य के कक्ष तक मार्च किया और उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस पर प्रधानाचार्य ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश शासन से इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करवाने का आश्वासन दिया।
ज्ञापन सौंपने वालों में रघुराज शर्मा, गिरजा शंकर राय, उत्कर्ष साहू, प्रदीप नाथ झा, हनीफ खान, सचिन साहू, शुभम गौतम और अन्य कई सदस्य शामिल थे। इस विरोध प्रदर्शन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बुंदेलखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को सुधारने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
