शहीद स्मारक पर ₹20 का टिकट लगाने के निर्णय पर उठे सवाल, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों की चुप्पी पर आलोचना

Dharmender Singh Malik
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शहीद स्मारक पर ₹20 का टिकट लगाने के निर्णय पर उठे सवाल, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों की चुप्पी पर आलोचना

आगरा: आज शहर के प्रतिष्ठित शहीद स्मारक पर ₹20 का टिकट लगाकर प्रशासन ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस निर्णय पर समाजसेवी राजीव गुप्ता ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे एक गलत कदम बताया है। उनका कहना है कि इस निर्णय से न केवल गरीब बच्चे जो शहीद स्मारक पर आकर पढ़ाई करते थे, बल्कि समाजसेवी जो बिना किसी शुल्क के यहां समाज के लिए काम करते थे, उन सभी को नुकसान होगा।

टिकट लगाने का निर्णय और उसकी आलोचना

राजीव गुप्ता ने आरोप लगाया कि प्रशासन में बैठे अफसर और जनप्रतिनिधियों ने बिना किसी ठोस विचार और जनसंवाद के यह कदम उठाया है। उनका कहना है कि शहर में शहीद स्मारक एक ऐतिहासिक स्थल है और इसे शहरवासियों और पर्यटकों के लिए एक आकर्षण के रूप में विकसित किया जाना चाहिए था, ना कि इसे एक पैसों से जुड़े व्यापारिक गतिविधि में बदल दिया जाए। टिकट लगाने से न केवल वहां आने वाले गरीब बच्चों को पढ़ाई में दिक्कत होगी, बल्कि उन समाजसेवियों के लिए भी यह एक बड़ा झटका होगा, जो बिना किसी शुल्क के यहां आकर समाज की सेवा करते हैं।

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शहीद स्मारक का उद्देश्य और सौंदर्यकरण की आवश्यकता

गुप्ता ने यह भी कहा कि शहीद स्मारक का असली उद्देश्य हमारे शहीदों को श्रद्धांजलि देना और आगामी पीढ़ी को उनके बारे में जानकारी देना था। उन्हें लगता है कि आगरा विकास प्राधिकरण को इस स्थल का सौंदर्यकरण करना चाहिए था, जैसे कि पुस्तकालय की स्थिति में सुधार किया जाना चाहिए था, ताकि यहां आने वाले लोग हमारे शहीदों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। साथ ही, शहीद स्मारक में एक शिक्षा केंद्र भी होना चाहिए था, ताकि नई पीढ़ी को हमारे इतिहास और वीरता के बारे में जानकारी मिल सके।

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समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर सवाल

राजीव गुप्ता ने समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों और विकास प्राधिकरण बोर्ड की चुप्पी पर भी सवाल उठाया है। उनका कहना है कि ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों का मौन रहना दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि यह निर्णय सीधे तौर पर समाज के कमजोर वर्गों को प्रभावित करेगा। अगर इस पर चर्चा और विरोध नहीं किया गया, तो समाज के हक में काम करने वाले लोग न केवल हतोत्साहित होंगे, बल्कि शहीद स्मारक जैसे ऐतिहासिक स्थल का उद्देश्य भी बदल जाएगा।

समाज का विरोध और प्रशासन से सवाल

राजीव गुप्ता ने सभी सामाजिक प्राणियों से अपील की है कि वे इस निर्णय का विरोध करें और सरकार से इस टिकट लगाने की मंशा को स्पष्ट करें। उनका मानना है कि यह निर्णय न केवल शहीद स्मारक की गरिमा को चोट पहुंचा रहा है, बल्कि शहर के नागरिकों को भी इससे असुविधा होगी।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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