आगरा: आगरा के यमुना पार सौ फुटा चौराहे पर, अंग्रेजी शराब के ठेके के ठीक बगल में, एक पांच मंजिला इमारत बिना किसी अनुमति और मानकों के खड़ी हो गई है। लगभग एक साल के भीतर यह इमारत पूरी तरह से बनकर तैयार हो गई है, लेकिन आगरा विकास प्राधिकरण (ADA) के अधिकारियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इस मामले ने स्थानीय लोगों और मीडिया में हड़कंप मचा दिया है, और प्राधिकरण की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
कैसे हुआ अवैध निर्माण?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस पांच मंजिला इमारत के निर्माण में नियमों की जमकर अनदेखी की गई है। निर्माण कार्य के दौरान न तो कोई आवश्यक अनुमति ली गई और न ही सुरक्षा मानकों का पालन किया गया। हैरानी की बात यह है कि एक साल तक यह निर्माण कार्य चलता रहा, लेकिन प्राधिकरण के अधिकारी कथित तौर पर “अपनी नींद पूरी करते रहे।”
भ्रष्टाचार के आरोप और अधिकारियों की चुप्पी
क्षेत्र में यह इमारत अब चर्चा का विषय बन गई है। स्थानीय जनता इसे “भ्रष्टाचार की बिल्डिंग” बता रही है। आरोप है कि ऊंची पहुंच और मिलीभगत के कारण ही प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस अवैध निर्माण के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की। जब इस बारे में प्राधिकरण के जेई भानु प्रताप से सवाल किया गया, तो वे कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
आगे क्या होगा?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्राधिकरण इस अवैध बिल्डिंग पर कोई कार्रवाई करेगा या कंपाउंडिंग के नाम पर इसे वैध कर देगा? प्राधिकरण के अधिकारी इस पर अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दे रहे हैं, जिससे संदेह और बढ़ रहा है। लोगों का कहना है कि यह मामला आगरा में चल रहे अवैध निर्माणों का एक ज्वलंत उदाहरण है, और इस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।