बांके बिहारी मंदिर में रंगभरी एकादशी पर श्रद्धालुओं के बीच धक्का-मुक्की; पुलिस के साथ नोकझोक, व्यवस्था पर उठे सवाल

4 Min Read
बांके बिहारी मंदिर में रंगभरी एकादशी पर श्रद्धालुओं के बीच धक्का-मुक्की; पुलिस के साथ नोकझोक, व्यवस्था पर उठे सवाल

वृंदावन: वृंदावन स्थित विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में आज रंगभरी एकादशी के मौके पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। लाखों की संख्या में भक्त ठाकुर बांके बिहारी महाराज के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे। इस अवसर पर मंदिर परिसर में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई और सुबह से ही लंबी-लंबी कतारें लग गईं। हालांकि, इस धार्मिक आयोजन के दौरान मंदिर परिसर में व्यवस्था की कमी ने श्रद्धालुओं के बीच धक्का-मुक्की को जन्म दिया, जिससे मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण पर सवाल उठने लगे।

भक्तों का तांता और मंदिर के गेट पर अव्यवस्था

रंगभरी एकादशी के मौके पर श्रद्धालुओं की भारी संख्या ने मंदिर परिसर को पूरी तरह से घेर लिया था। सुबह के बाद जैसे ही दोपहर में मंदिर का शटर गिरा, भक्तों की भीड़ और बढ़ने लगी। दोपहर के तीन बजे के आसपास मंदिर के गेट नंबर एक पर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गईं और भक्तों ने मंदिर का गेट खोलने का इंतजार किया। हालांकि, गेट खुलने में समय था और इस दौरान भक्तों की धैर्य की सीमा टूटने लगी। देखते ही देखते, मंदिर प्रशासन ने भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गेट को जल्द ही खोलने का निर्णय लिया।

धक्का-मुक्की और पुलिस के साथ नोकझोक

मंदिर के गेट नंबर एक पर श्रद्धालु काफी देर तक खड़े रहे और जैसे ही गेट खोला गया, वहां धक्का-मुक्की की स्थिति उत्पन्न हो गई। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को हटाने के लिए धक्का-मुक्की कर रहे हैं। इस दौरान कुछ श्रद्धालुओं और पुलिसकर्मियों के बीच नोकझोक भी हुई, जो सोशल मीडिया पर काफी चर्चा का विषय बनी।

गेट नंबर एक पर बैरिकेडिंग के कारण श्रद्धालुओं को हुई परेशानी

इस मामले में एक और बड़ी समस्या सामने आई है। ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के गेट नंबर एक पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था ऐसी थी कि श्रद्धालु गेट नंबर दो और तीन की ओर नहीं जा पा रहे थे, जहां से वे मंदिर में प्रवेश कर सकते थे। इस वजह से भक्तों को गेट के पास स्थित रेलिंग पर चढ़ने की कोशिश करनी पड़ी, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया था।

अगर इस दौरान कोई बड़ा हादसा हो जाता तो उसका जिम्मेदार कौन होता? जबकि पुलिसकर्मियों की बड़ी तादाद मंदिर परिसर में तैनात थी, फिर भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकी। यह स्थिति मंदिर की व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है, विशेष रूप से इतने बड़े धार्मिक आयोजन के दौरान।

मंदिर की व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने ठाकुर बांके बिहारी मंदिर की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति को देखते हुए मंदिर प्रशासन को पहले से भीड़ प्रबंधन की बेहतर योजना बनानी चाहिए थी, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा व्यवस्था में भी भारी खामियां देखने को मिलीं।

यह घटना इस बात की ओर भी इशारा करती है कि जब मंदिरों में इतने बड़े आयोजन होते हैं, तो प्रशासन को पहले से पर्याप्त इंतजाम करने चाहिए ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और आराम को प्राथमिकता दी जा सके।

श्रद्धालुओं की चिंता और प्रशासन का जवाब

हालांकि, प्रशासन ने यह दावा किया है कि पुलिसकर्मियों का उद्देश्य केवल भीड़ को नियंत्रित करना था, लेकिन श्रद्धालुओं का कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते व्यवस्था सुधारने के लिए कदम उठाए होते, तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती। भक्तों ने यह भी कहा कि बैरिकेडिंग के कारण कई लोग गेट नंबर दो और तीन की ओर नहीं जा सके, जिससे मंदिर के दर्शन करने की प्रक्रिया और कठिन हो गई।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version