झाँसी (सुल्तान आब्दी): रेलवे के लोको पायलटों ने एक रेल अधिकारी पर हिटलर शाही अपनाने का गंभीर आरोप लगाया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस मुद्दे को उठाते हुए रेल यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में बताया है। मंगलवार को पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के नेतृत्व में रेलवे के लोको पायलटों की पत्नियों ने मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) कार्यालय पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान पूर्व मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने आरोप लगाते हुए कहा कि मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में तैनात एक विशेष अधिकारी लगातार रेलवे के लोको पायलटों का उत्पीड़न कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि इस अधिकारी ने अपनी हिटलर शाही के चलते एक “वर्ल्ड रिकॉर्ड” बना दिया है, जिसके तहत उसने तीन महीने में बिना किसी उचित जांच के 1800 लोको पायलटों को चार्जशीट थमा दी है।
पूर्व मंत्री ने झाँसी शहर में रेल कर्मियों के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया, चाहे वे आरपीएफ कर्मी हों, रेलवे के अन्य कर्मचारी हों या फिर लोको पायलट। उन्होंने कहा कि इन सभी के अच्छे कार्यों के कारण ही झाँसी का नाम रोशन हो रहा है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई कि विभाग में तैनात एक अधिकारी बिना किसी ठोस कारण के लोको पायलटों को अंधाधुंध तरीके से चार्जशीट पकड़ा रहा है, जो सरासर अन्याय है।
उन्होंने आगे कहा कि इस अधिकारी की हिटलर शाही के चलते परेशान लोको पायलटों के घरों के चूल्हे तक बुझने लगे हैं और उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। पूर्व मंत्री ने चेतावनी दी कि इस हिटलर शाही के कारण हजारों रेल यात्रियों की जान खतरे में पड़ सकती है, क्योंकि मानसिक रूप से प्रताड़ित लोको पायलट तनाव में रहेंगे और ऐसी स्थिति में गाड़ी को सुरक्षित रूप से गंतव्य तक ले जाना मुश्किल हो सकता है।
प्रदर्शनकारी महिलाओं और पूर्व मंत्री ने मंडल रेल प्रबंधक को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने संबंधित रेल अधिकारी की हिटलर शाही पर अंकुश लगाने और उनका तत्काल तबादला करने की मांग की है। इस घटना ने रेलवे विभाग में व्याप्त तनाव और कर्मचारियों की समस्याओं को उजागर किया है। अब देखना यह होगा कि मंडल रेल प्रबंधक इस गंभीर मामले पर क्या कार्रवाई करते हैं।