रामलला जन्मोत्सव: अयोध्या में भव्य उत्सव की धूम, श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब

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अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में इस समय हर ओर उत्सव का माहौल है। श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव में सहभागिता करने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं और पूरे शहर में आनंद एवं उल्लास का वातावरण है। राम जन्म के इस पर्व पर अयोध्या में रामलला का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है।

राम जन्मोत्सव की भव्य तैयारियाँ

राम जन्म के इस पावन अवसर पर अयोध्या में विशेष तैयारियाँ की गई हैं। रामजन्मभूमि क्षेत्र सहित अयोध्या के अन्य प्रमुख स्थल जैसे रामपथ, भक्तिपथ, और सरयू घाटों की सजावट ने इसे एक अलौकिक रूप दे दिया है। रविवार को दोपहर 12 बजे रघुकुल में रामलला का जन्म होते ही इस उल्लास की पराकाष्ठा होगी। उत्सव से जुड़ी सभी तैयारियां अंतिम चरण में हैं और श्रद्धालुओं के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं।

सुरक्षा और सुविधाएं:

उत्सव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। रामजन्मभूमि क्षेत्र, रामपथ और रामजन्मभूमि पथ पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। सुरक्षा उपायों के तहत श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार बनाए गए हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में बैरीकेडिंग की गई है।

इसके अलावा, गर्मी के मद्देनजर श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो, इसके लिए पवित्र स्थल के आस-पास सड़कों पर पानी का छिड़काव किया गया है, ताकि पांव जलने से बच सकें। रामजन्मभूमि परिसर में स्थान-स्थान पर पेयजल, चिकित्सा, शौचालय और छांव के इंतजाम किए गए हैं।

यातायात व्यवस्था

अयोध्या में होने वाले इस महापर्व के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए चार पहिया वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है। शहर में डायवर्जन लागू कर यातायात को नियंत्रित किया जा रहा है। अनुमान है कि इस वर्ष रामलला के जन्मोत्सव में लगभग 25 लाख श्रद्धालु शामिल हो सकते हैं। इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पहले ही कर ली गई हैं।

उत्सव का समय और कार्यक्रम

राम मंदिर में जन्मोत्सव का प्रारंभ प्रात: 9:30 बजे रामलला के अभिषेक से हुआ। यह प्रक्रिया साढ़े दस बजे तक जारी रहेगी। इसके बाद गर्भगृह पर आवरण रहेगा और श्रद्धालु रामलला के श्रृंगार का दर्शन कर सकेंगे। सुबह 10:40 बजे से 11:45 बजे तक श्रृंगार का कार्यक्रम चलेगा।

इसके बाद, 11:45 बजे रामलला को भोग अर्पित किया जाएगा और ठीक मध्याह्न 12 बजे श्रीराम का जन्म होगा। इस समय पूजा-अर्चना एवं आरती होगी। विशेष रूप से सूर्यदेव के द्वारा रामलला के ललाट पर तिलक करने की प्रक्रिया का आयोजन किया जाएगा, जिसे “सूर्य तिलक” कहा जाता है। शनिवार को इस प्रक्रिया का ट्रायल भी किया गया है।

टीवी और इंटरनेट पर सीधा प्रसारण

रामलला के जन्मोत्सव के सभी कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण टीवी और इंटरनेट के माध्यम से किया जाएगा, ताकि दूर-दूर से श्रद्धालु भी इस पवित्र मौके का हिस्सा बन सकें।

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