कायाकल्प बना कमाई का हथकंडा! आगरा में परिषदीय स्कूलों में खुल गया भ्रष्टाचार का काला चिट्ठा!

कायाकल्प बना कमाई का हथकंडा! आगरा में परिषदीय स्कूलों में खुल गया भ्रष्टाचार का काला चिट्ठा!

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आगरा जिले में परिषदीय विद्यालयों को उच्चीकृत करने के लिए पंचायतीराज विभाग द्वारा ऑपरेशन कायाकल्प के तहत 19 पैरामीटर पर विकास कार्य कराए गए थे। इन कार्यों की पोल धरातल पर जाकर खुल रही है। विभागीय अधिकारियों ने मिलकर बजट को ठिकाने लगाने की कोशिशों को अंजाम देते हुए फर्जी आंकड़े प्रस्तुत कर कायाकल्प को पूर्ण दिखा दिया।

राष्ट्रवादी शिक्षक महासंघ ने कायाकल्प कार्य में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोला था। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश डागुर और जिलाध्यक्ष कीर्तीपाल सिंह ने आरोप लगाया था कि अधिकांश परिषदीय विद्यालयों में कायाकल्प के नाम पर खानापूर्ति हुई है। जिन पैरामीटर पर कार्य होना था, उनका विद्यालयों में कहीं अता पता नहीं है।

अग्र भारत की जांच पड़ताल में इस भ्रष्टाचार की कलई खुलने लगी है। पैरामीटर के बिंदु शुद्ध सुरक्षित पेयजल, जलापूर्ति, बालक-बालिकाओं के इज्जतघर एवं लघुशंकालय निर्माण एवं इनमें सुविधाओं का विस्तार, कक्षाओं के फर्शों में टाइल्स, रंगाई पुताई, दिव्यांग शौचालय एवं रैंप, विद्युत संयोजन, चहरदीवारी निर्माण आदि मुख्य हैं।

अग्र भारत द्वारा मौके पर जाकर देखने पर प्राथमिक विद्यालय पुरामना, प्राथमिक विद्यालय मोरी, उच्च प्राथमिक विद्यालय भरंगरपुर, प्राथमिक विद्यालय कलुआपुरा पिनाहट, प्राथमिक विद्यालय टिल्लूपुरा, प्राथमिक विद्यालय रामकुंआ, बीआरसी अछनेरा स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय आदि में दिव्यांग शौचालय से लेकर पेयजल आपूर्ति के साधन क्षतिग्रस्त अवस्था में है।

इसमें बरौली अहीर के प्राथमिक विद्यालय की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। विभागीय अधिकारियों ने आनन फानन में इन कार्यों को कराने की इतनी जल्दबाजी दिखाई, किसी को भनक भी नहीं लग सकी।

सूत्रों के अनुसार पूरे जिले के परिषदीय विद्यालयों में हुए कार्यों में एक बड़े बजट को ठिकाने लगा दिया गया। सरकार ने जिन जिम्मेदारों को विद्यालयों को कायाकल्प से संतृप्त करने का जिम्मा सौंपा था, उन्हीं जिम्मेदारों ने अपने कथित लाभ की खातिर सरकार की मुहिम पर पलीता लगा दिया।

राष्ट्रवादी शिक्षक महासंघ के जिलाध्यक्ष कीर्तीपाल सिंह ने कहा कि कायाकल्प के कार्यों में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ शीघ्र ही निर्णायक कदम उठाया जाएगा। पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों ने कायाकल्प को अपनी जेब भरने का जरिया बना लिया। उच्चाधिकारियों द्वारा इसका संज्ञान लेना जरूरी नहीं समझा गया। इसके खिलाफ मोर्चा खोलकर दोषियों को बेनकाब किया जाएगा।

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