बिचपुरी क्षेत्र में नाले को पाटकर खड़ी कर दी गई है मार्केट
आगरा/बिचपुरी ।आगरा में सिंचाई विभाग की जमीन पर भूमाफियाओं का कब्ज़ा बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला बिचपुरी क्षेत्र का है, जहाँ सदरवन नाला को पाटकर एक दबंग भूमाफिया ने दर्जनों दुकानों की दुमंजिला मार्केट खड़ी कर दी है। यह नाला आगरा रजवाहा से पोषित होता है और अमरपुरा तक किसानों को सिंचाई हेतु पानी मुहैया कराता था।बिचपुरी रेलवे फाटक से पहले नाला अपने मूल स्वरूप में है। फाटक पार करते ही नाला सिकुड़ना शुरू हो जाता है। मघटई तिराहा पर आकर नाले को ढूंढ़ना मुश्किल हो जाएगा।
नाले पर अवैध कब्जे में जिम्मेदारों पर घूसखोरी के भी आरोप लगे हैं।नाले पर कब्जा करके मोटा खेल होने के संकेत मिल रहे हैं।
कार्यवाहक जिलेदार पर भी उठे सवाल
सूत्रों के अनुसार, सिंचाई विभाग में कार्यवाहक जिलेदार का पद देख रहे विपिन कुमार पर नाले पर अवैध कब्जा करवाने के आरोप लग रहे हैं।उसके खिलाफ सत्ताधारी पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से लेकर किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने अनगिनत शिकायतें की। विभाग में शिकायतें पहुंचने पर कार्यवाहक जिलेलेदार का पद देख रहे कर्मचारी का प्रभाव इतना रहा कि एक भी शिकायत को आगे नहीं बढ़ने दिया। विपिन कुमार के पद पर रहते, नाले पर धड़ाधड़ अवैध कब्जा होता रहा। उच्चाधिकारियों ने मौके पर जाकर भौतिक सत्यापन कर कार्रवाई की जरूरत नहीं समझी। शिकायतकर्ताओं द्वारा विपिन कुमार के आगरा जनपद में एक दशक से भी अधिक समय से टिके रहने के बाबत जानकारी भी मांगी थी। उनको किसी भी बात का जवाब नहीं मिला।
उनका विभाग में रसूख इतना है। कि उनके खिलाफ हुई शिकायतें भी दबा दी गईं।
किसानों के लिए मुश्किलें बढ़ीं
नाले पर अवैध कब्जे के कारण किसानों को खेतों की सिंचाई में अब मुश्किलें हो रही हैं।
अधिकारियों की उदासीनता
इस पूरे मामले में सिंचाई विभाग के अधिकारियों की उदासीनता भी साफ देखने को मिल रही है। अधीक्षण अभियंता सिंचाई विभाग मोहन सिंह फोगाट का फोन भी रिसीव नहीं हुआ।
क्या होगा समाधान?
अब देखना यह होगा कि इस मामले में क्या कार्रवाई होती है। क्या भूमाफियाओं से नाले की जमीन वापस ली जाएगी? क्या किसानों को सिंचाई के लिए पानी मुहैया कराया जाएगा?
यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं:
नाले पर अवैध कब्जा कर मार्केट खड़ी करना एक गंभीर अपराध है।
सिंचाई विभाग की जमीन पर भूमाफियाओं का कब्ज़ा बढ़ता जा रहा है।
किसानों को खेतों की सिंचाई में मुश्किलें हो रही हैं।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों की उदासीनता भी साफ देखने को मिल रही है।